नई दिल्ली। हिंद महासागर में दमखम दिखाने की कोशिश कर रहे चीन को जवाब देने के लिए भारत और अमेरिका रणनीतिक सहयोग लगातार बढ़ा रहे हैं। दोनों देश सालाना मालाबार नौसेना अभ्यास को और ज्यादा विस्तार देने की योजना पर काम कर रहे है। जिससे ऐंटी सबमरीन ऑपरेशन को नई धार मिल सके। वहीं हिंद महासागर में चीन की बढ़ती गतिविधियों से भारतीय सुरक्षा एजेंसियां चाक-चौबंद हैं। [@ खासखबर EXCLUSIVE: यूपी इलेक्शन में क्या गुल खिलाएगा डिजिटल वॉर ?]
दरअसल भारतीय नेवी ने हिंद महासागर में चीन की कम से कम 6 पनडुब्बियों का पता लगाया है। हिंद महासागर में चीन की आक्रामक रणनीति की काट के लिहाज से भारत-अमेरिका नौसेना अभ्यास काफी अहम है।
पिछले दिनों अमेरिका के सातवें बेड़े के वाइस ऐडमिरल जोसेफ पी. एकॉइन ने इंडियन नेवी चीफ ऐडमिरल सुनील लांबा और बड़े अधिकारियों से दिल्ली में मुलाकात की। मुलाकात के बाद जोसेफ ने कहा,अगले साल हिंद महासागर में 21वां मालाबार नौसेना अभ्यास होने वाला है, हम चाहते हैं यह और ज्यादा बड़ा और व्यापक हो।
एशिया-प्रशांत क्षेत्र की रणनीतिक स्थिति को देखते हुए अमेरिका चाहेगा कि मालाबार सैन्य अभ्यास में नियमित तौर पर ऑस्ट्रेलिया जैसे कुछ दूसरे देशों को भी शामिल किया जाए। दूसरी तरफ चीन इस तरह के किसी भी नौसैनिक समूह को खुद के खिलाफ देखता है।
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