आगरा। इस बाद यूपी चुनाव में पहली बार सुरक्षा, सुविधा और समाधान के साथ वोटिंग भी ऑनलाइन होगी। हालांकि, ऑनलाइन वोटिंग की सुविधा केवल बाहर सर्विस कर रहे कर्मचारियों और सैनिकों के लिए ही होगी, लेकिन पहली बार जनता की चुनाव संबंधी शिकायतों का दो घंटे के अंदर समाधान करने के लिए डीएम बाध्य होंगे। अगर कहीं कोई मतदान में दबंगई करता है या कहीं पर किसी पर अत्याचार होता है तो अत्याचार करने वाले और पीड़ित लोगों की जानकारी पहले से नहीं होने पर थानेदार जिम्मेदार होगा। चुनाव आयोग ने इस बार पूरे उत्तर प्रदेश की बूथ वाइज मैपिंग की है। मंगलवार को उप चुनाव आयुक्त पूरन देव और एडीजी लॉ एंड आर्डर दलजीत चौधरी ने आगरा और अलीगढ़ मंडल के सभी प्रशासनिक अधिकारियों के साथ मीटिंग कर चुनाव की तैयारियों की अंतिम समीक्षा की। समीक्षा के बाद मीडिया से मुखातिब होते हुए उप चुनाव आयुक्त पूरन देव ने कहा, इस बार चुनाव में हमारी प्राथमिकता है, `नो वोटर टू बी लेफ्ट बिहाइंड` और इसे हम अभियान की तरह लेंगे। इस बार विकलांगों के लिए चुनाव बहुत विशेष होगा और उनके लिए पहले से ही मॉनिटरिंग की गई है। अब हमें पता है कि कहां और कितने विकलांग वोटर हैं और वो किस तरह के विकलांग हैं। इस बार बूथ पर रैंप व्हील चेयर के साथ ब्रेन लिपि में पर्चियां और बेलेट की भी व्यवस्था होगी।चुनाव निष्पक्ष कराने के लिए पहले से तैयारी की गई है और इसके लिए एक दो दिन में एक मोबाइल ऐप लांच की जा रही है, जिसमे हर थाने में दबंग हिस्ट्रीशीटर और हर उस आदमी की जानकारी होगी जो चुनाव प्रभावित कर सकते हों। [@ Exclusive- राजनीति के सैलाब में बह गई देश के दो कद्दावर परिवारों की दोस्ती]
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