शिमला। हिमाचल के आईजीएमसी मेडिकल कॉलेज में प्रथम सेमेस्टर के छात्र के साथ रविवार की रात रैंगिंग करने के मामले में 1 सीनियर छात्र पर नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। दर्ज प्राथमिकी के बाद पुलिस मामले की जांच में जुट गई है। डीएसपी सिटी राजेंद्र शर्मा के नेतृत्व में पुलिस टीम ने आईजीएमसी छात्रावास जाकर घटना की विस्तृत जांच की। राजेंद्र शर्मा ने बताया कि आईजीएमसी के प्राचार्य प्रो. अशोक शर्मा के आवेदन पर सदर थाना में आईपीसी की धाराओं 451, 352 और 323 के तहत तृतीय वर्ष के एमबीबीएस छात्र के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है तथा इसका सुपरविजन व अनुसंधान आरंभ हो गया है, दोषी पर कार्रवाई होगी। इस बीच इस घटना में एक दिलचस्प पहलु सामने आया। [@ यहां बहन सेहरा बांध, ब्याह कर लाती है भाभी] [@ अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे]
भुक्तभोगी छात्र के ही अभिभावक मंगलवार को आईजीएमसी पहुंच गए और आरोपी सीनियर छात्र पर कार्रवाई न करने की गुहार प्राचार्य से लगाई। सूत्र बताते हैं कि अभिभावकों ने प्राचार्य से समझौता कर मामले खत्म करने का आग्रह भी किया। पीडि़त एमबीबीएस प्रशिक्षुओं के परिजनों का कहना था कि पुलिस में यह मामला जाने के बाद आरोपी छात्र का कैरियर तबाह हो सकता है लेकिन वह ऐसा नहीं चाहते, लिहाजा मामले को रफा-दफा कर दिया जाए। दूसरी तरफ आईजीएमसी प्रशासन इस मामले पर झुकने को तैयार नहीं है।
प्राचार्य अशोक शर्मा ने बताया कि रैगिंग की घटना को हल्के में कतई नहीं लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि इसे लेकर पुलिस में मामला दर्ज करवा दिया गया है और अब यह पुलिस जांच का विषय है। गौरतलब है कि आईजीएमसी में एमबीबीएस प्रथम वर्ष के एक छात्र ने सीनियर छात्र पर रैगिंग और मारपीट का आरोप लगाया था। पीडि़त ने इस बाबत प्राचार्य से शिकायत की थी। प्राचार्य ने तीन सदस्यीय कमेटी को मामले की जांच का जिम्मा सोंपा। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में साफ किया कि मामला रैगिंग से जुड़ा है। इसके बाद आईजीएमसी प्रबंधन ने पुलिस में शिकायत कराई।
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