नई दिल्ली। मोदी सरकार ने नोटबंदी के लेकर जितनी अपनी पीठ थपथपाई, उससे ज्याद उसे अब इसे लेकर यह चिंता खाए जा रही है कि पांच राज्यों में होने वाले चुनावों में जनता की नाराजगी का शिकार न होना पड़े। सरकार अब लगातर सफाई देती नजर आ रही है। इसका साफ असर वित्तमंत्री अरुण जेटली के बजट में देखने को मिला। वित्तमंत्री जेटली का शुरुआती बजटीय संबोधन नोटबंदी पर ही केंद्रित रहा। उन्होंने अपने बजट भाषण में दर्जनों बार नोटबंदी का जिक्र किया। कभी उसके तात्कलिक फायदे गिनाए तो कभी दीर्घकालिक नतीजे अच्छे प्राप्त होने का भरोसा दिया।
वित्त मंत्री ने कहा कि नोटबंदी की वजह से जीडीपी की साफ और सच्ची तस्वीर सामने आएगी, अर्थव्यवस्था स्वच्छ होगी। जेटली ने यह भी कहा कि पिछले एक दशक में टैक्स की चोरी करना जनता की आदत हो गई थी, इससे गरीबों का नुकसान था। नोटबंदी से ब्लैकमनी, फेक करंसी और टेरर फंडिंग पर लगाम लगेगी। नोटबंदी से बैकों की क्षमता बढ़ी, नोटबंदी से टैक्स कलेक्शन बढ़ा है।
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