जौनपुर। नोटबन्दी से जहाँ पूरा देश जूझ रहा है वही सिकरारा यूबीआई कर्मियो की मनमानी से क्षेत्रीय जनता को रोज बैंक के चक्कर काटने रहे है लाइन में लग कर अपनी बारी का इंतजार करने के बाद जब काउंटर तक पहुचते है तो पता चलता है कि कैश खत्म। लोगों ने आरोप लगाया कि दो हजार के लिए गरीबों को दिनभर लाइन में लगना पड़ता है जबकि कतिपय दलालो भट्टा मालिको व पहुंचवालों के लिए बैंक के पिछले दरवाजे खुले रहते हैं। बैंक मैनेजर जहाँ आमजनता को कम रूपये मिलने के चलते दो हजार से सन्तोष करने की नसीहत देते हैं वहीँ भट्टा मालिकों और दलालों पर उनकी खास मेहरबानी रहती है। प्रबन्धक केवल उन्हीं को मनचाही रकम दस से बीस हजार की रकम दे देते है जबकि दवा व् इलाज के लिए कइयों ने लाख मिन्नत की लेकिन उनका दिल न पसीजा। बैंक कर्मियो की इस दोहरे बर्ताव से क्षेत्रीय जनता खासी नाराज है आये दिन नोक झोंक होती रहती है। [@ अमेरिका के 911 की तर्ज पर बना डायल 100 कैसे काम करेगा...जानिए इसकी टेक्नोलॉजी]
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