नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान को दो-टूक संदेश देते हुए कहा
है कि यदि वह भारत से वार्ता करना चाहता है तो उसे आतंकवाद से दूर रहना
होगा। भारत अकेले शांति के रास्ते पर नहीं चल सकता।
मंगलवार को पीएम मोदी ने रायसीना डायलॉग का शुभारंभ करते हुए अपने संबोधन में कहा कि
दक्षिण एशिया में शांतिपूर्ण रिश्ते चाहिए। उन्होंने कहा कि दक्षिण एशिया
में शांति और स्थिरता को बढ़ावा देने और पडोसियों के साथ अच्छे संबंध बनाने
के मकसद से उन्होंने अपने शपथ ग्रहण समारोह में पाकिस्तान समेत सार्क
देशों के नेताओं को निमंत्रण दिया। उन्होंने कडा संदेश देते हुए कहा कि
हमको आतंक से धर्म को पृथक करना होगा। आतंक का समर्थन और निर्यात करने वाले
प़डोसियों को नजरअंदाज करने की जरूरत है।
पीएम मोदी ने कहा कि 2014 में भारत के लोगों ने साफ तौर पर बदलाव के लिए
हमको जनादेश दिया। वह केवल प्रवृत्ति में नहीं बल्कि मानसिकता में बदलाव के
लिए था ताकि साहसिक निर्णय किया जा सके। उन्होंने कहा कि सुधार तब तक
पर्याप्त नहीं जब तक अर्थव्यवस्था और समाज में बदलाव न हो।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आसियान और उसके सदस्य देशों के साथ व्यापार,
तकनीक, निवेश, सुरक्षा जैसे मसलों पर हमारी साझेदारी है।
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