नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के
अध्यक्ष फारूख अब्दुल्ला ने कहा कि कश्मीर उस भारत का हिस्सा है जहां
संविधान में सभी धमोंü को बराबर का दर्जा हासिल है। आरएसएस प्रमुख मोहन
भागवत के भारत को हिंदू राष्ट्र बताए जाने पर फारूक अब्दुल्ला ने निशाना
साधा है।
अब्दुल्ला ने बुधवार को कहा कि अगर वह भारत को एक हिंदू राष्ट्र बताते हैं
तो कश्मीर भारत का हिस्सा नहीं रहेगा। संविधान के खिलाफ बोलने पर भागवत के
खिलाफ एक्शन लेने की मांग करते हुए उब्दुल्ला ने कहा कि कश्मीर उस भारत का
हिस्सा है, जिसमें सभी धर्मो को इसके संविधान में बराबर का दर्जा दिया गया
है।
उन्होंने कहा, संविधान में हर धर्म को बराबर अधिकार दिए गए हैं। अगर ये
छीना गया तो क्रांति के लिए तैयार रहें, जिसे आप (भारत) नियंत्रित नहीं कर
पाएंगे। समय आ गया है, जब राष्ट्रीय नेताओं को एक ही आवाज में बोलना होगा।
आरएसएस प्रोपेगेंडा किसी भी पार्टी को स्वीकार नहीं है।
अब्दुल्ला ने यह बात श्रीनगर में अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित
करते हुए कही। अब्दुल्ला ने कहा, घाटी पाकिस्तान का हिस्सा नहीं बनेगी,
लेकिन भागवत जैसे लागों के बयान से लोगों के दिमाग में भ्रम पैदा हो रहा है
कि मोहम्मद अली जिन्ना का दो राष्ट्रों का सिद्धांत सही था और जो उसके
खिलाफ बोलते हैं वो गलत हैं। यहां पाकिस्तान नहीं बनेगा। हम उनके गुलाम
बनकर निरंकुशता के नीचे नहीं दबेंगे। आज भी वहां पर जमींदार राजा हैं और
गरीब कुछ भी नहीं हैं।
अनुच्छेद 370 की बहाली के बारे में अब्दुल्ला ने बोला कि घाटी में युवा
पूरी आजादी चाहते हैं और वे भारत और पाकिस्तान नहीं मांग रहे हैं।
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