सिरोही। यदि प्रकृति के संसाधनों का भरपूर उपयोग किया जाये तो उससे विकास के नये आायाम तो मिलेंगे ही साथ में प्रदूषण से भी बचा जा सकेगा। इसी तरह का प्रयास देखा जा रहा है सिरोही जिले के आबू रोड में। जहां बिजली की कमी को पूरा करने के लिए सोलार थर्मल पावर प्लांट का निर्माण हो रहा है। यह कहना है सिरोही जिले के आबू रोड स्थित निर्माणाधीन सोलार थर्मल पावर प्लांट के राजस्थान में सूर्य की रोशनी का पूरा उपयोग करते हुए भारत के अक्षय उर्जा मंत्रालय, जर्मनी सरकार के सहयोग से वल्र्ड रिन्यूवल स्प्रीचुअल ट्रस्ट तथा ब्रह्माकुमारीज संस्था मिलकर शांतिवन के निकट 55 एकड़ में भारत का पहला थर्मल पावर प्लांट का निर्माण कर रही है जिससे दो हजार किलोवाट की बिजली पैदा की जा सकेगी। यह अपने आप में एक अनोखा और नया उपक्रम है जिससे सूर्य की रोशनी से विजली के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हो सकेगी। यह परियोजना करीब सौ करोड़ की लागत से एक साल में बनकर तैयार होगी। जहां सूर्य की रोशनी से 1 मेगावाट बिजली पैदा हो सकेगी। सूर्य की रोशनी से कांच की बनी प्लेटों से सूर्य की रोशनी एक स्थान पर कंसन्ट्ेट होगी और उसके जरिये गुजरने वाले पाईप लाईन में आंशिक पानी की मात्रा से स्टीम बनेगी और स्टीम पाईप द्वारा टर्बाइन मशीन में दबाब डालेगी जिसये टरबाईन मशीन चलेगी और बिजली पैदा होगी। तकनीकी जानकारी देते हुए प्रोजेक्ट के सीईओ जयसिम्हा ने बताया कि सूर्य की रोशनी को एकत्रित कर पानी को स्टीम में बदलने के लिए 768 कांच की डिश होगी।
यह भी पढ़े : युवराज सिंह की शादी लीग थीम पर, जाने क्या होगा इस शादी में
यह भी पढ़े : नोटबंदी का ऐसा असर देखा है क्या... देखिए
तस्वीरें...
लालू की 'फिरकी' में फंसी कांग्रेस, कन्हैया, पप्पू, निखिल 'आउट'
पांच डॉक्टरों के पैनल ने किया अंसारी का पोस्टमार्टम,गाजीपुर में होगा सुपुर्द-ए-खाक
मुख्तार अंसारी की पत्नी अफशां पर भी लगा हुआ है गैंगस्टर ऐक्ट, ₹50000 का इनाम भी....
Daily Horoscope