धर्मशाला। सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य, उद्यान तथा सूचना प्रौद्यागिकी मन्त्री विद्या स्टोक्स ने उत्तरी क्षेत्र धर्मशाला की बागवानी विभाग की बैठक में विभिन्न योजनाओं की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुये जानकारी दी कि उत्तरी क्षेत्र में बागवानी मिशन के तहत लगभग 30 करोड रूपये की राशि राष्ट्रीय कृषि विकास योजना पर, 4 करोड रूपये की राशि सुक्ष्म सिंचाई योजना तथा 2.5 करोड की अनुदान राशि से 20342 बागवानों को लाभान्वित किया गया है। उन्होंने कहा कि उत्तरी क्षेत्र में वर्तमान में लगभग 101752 हैक्टेयर क्षेत्र बागवानी के अधीन है, जिसमें लगभग 2.76 लाख मीट्रिक टन फलोत्पादन हो रहा है। उन्होंने कहा कि बागवानी विकास के क्षेत्र में प्रदेश ने देश में अपनी अलग पहचान बनाई है इससे प्रदेश के लोगों को प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार प्राप्त हो रहा है।
उन्होंने बागवानी अधिकारियों को निर्देश दिए कि गांव-गांव जाकर सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के बारे में लोगों को जानकारी दें व प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन करें। सरकार कृषि व बागवानों के प्रति कृत संकल्प है ताकि प्रदेश का किसान आत्मनिर्भर बन सके। मौसम पर आधारित फल फसल बीमा योजना के प्रचार प्रसार के लिए भी निर्देश जारी किए गए ताकि अधिक से अधिक बागवान इस योजना का लाभ उठा सकें । मंत्री ने कहा कि युवा किसानों का रूझान बागवानी, मौन पालन, खुम्ब उत्पादन, पुष्प उत्पादन तथा संरक्षित खेती की तरफ बढ़ा है इसलिये इन गतिविधियों को और अधिक बढाने की आवश्यकता है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि बागवानों को रोग रहित उच्च गुणवत्ता के पौधे उपलब्ध करवाना सुनिश्चित किया जाये। इससे पूर्व सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य, उद्यान तथा सूचना प्रौद्यागिकी मन्त्री विद्या स्टोक्स ने सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग की बैठक में जिला चम्बा तथा कांगड़ा के कार्यों की समीक्षा की।
उन्होंने बताया कि इस समय दोनों जिलों में 594 सिंचाई योजनाओें पर कार्य पूर्ण कर लिया गया है जबकि 75 योजनायें निर्माणाधीन हैं। उन्होंने बताया कि दोनों जिलों में 137 बस्तियों को पेयजल उपलब्ध करवाने का लक्ष्य रखा गया है। कांगड़ा तथा चम्बा में मार्च 2016 तक कुल 11 हजार हैंडपम्प लगाये गये और इस वित्त वर्ष में अब तक 589 हैंडपम्प लगाये जा चुके हैं। इन जिलों में 12 शहरों व 7 कस्बों में पेयजल योजनायें पूर्ण की जा चुकी हैं तथा शेष का कार्य प्रगति पर है। उन्होंने बताया कि शहरी क्षेत्रों में 4 कस्बों में सीवरेज योजनायें पूर्ण कर ली गई हैं व 6 कस्बों की योजनाओें का कार्य प्रगति पर है। इसके अलावा 2 शहरी क्षेत्रों में पेयजल सम्वर्धन के बाद सीवरेज का कार्य शुरू किया जायेगा। स्टोक्स ने बताया कि मध्यम सिंचाई योजना शाहनहर, सिद्धाथा और फीना सिंह योजनाओं के कार्य के लिये धन की कोई कमी आडे़ नहीं आयेगी। उन्होंने अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिये कि स्कूलों, अस्पतालों, आंगनबाड़ी केन्द्रों को पेयजल उपलब्ध करवाने पर विशष बल दिया जाये।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि वर्षा और बर्फबारी की स्थिति में भी जलापूर्ति को सुचारू बनाये रखने तथा जन शिकायतों के निपटारें को भी सुनिश्चित किया जाये। इसके अतिरिक्त बाढ़ नियंत्रण कार्य छौंछ खड्ड के बारे भी विस्तृत चर्चा की गई। बागवानी विभाग की समीक्षा बैठक में अतिरिक्त निदेशक डॉ. हेम राज शर्मा कांगडा, हमीरपुर, चम्बा, ऊना के अधिकारियों ने भाग लिया। सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग की बैठक में मुख्य अभियंता नवीन पुरी, अधीक्षण अभियंता आरके बिरमानी, लक्ष्मण ठाकुर, एचपी सिंह सहित जिला कांगड़ा के समस्त अधिशासी अभियंता उपस्थित थे।
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