रविवार को करीब 1000 पावा शैल्स घाटी पहुंच जाएंगे। पावा शैल्स प्राणघातक नहीं होते,इसका इस्तेमाल सामने वाले व्यक्ति के शरीर में जलन पैदा कर देता है और वह कुछ मिनट के लिए कुछ न कर पाने की हालत में पहुंच जाता है। शैल्स से ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचता। बता दें कि घाटी में जारी हिंसा में पैलेट गन के इस्तेमाल को लेकर बहस जारी है, जिसके बाद केंद्र सरकार पैलेट गन का विकल्प खोजने पर विचार कर रही थी। पैलेट गन के इस्तेमाल से घाटी में कई प्रदर्शनकारी अपनी आंखों की रोशनी खो चुके हैं। गौरतलब है कि हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद से घाटी में हिंसा और तनाव व्याप्त है। हिंसा में 74 से ज्यादा लोग अब तक मारे जा चुके हैं।
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