धर्मशाला(सीमा)। जैसे-जैसे हिमाचल प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव का समय नजदीक आ रहा है वैसे-वैसे ही प्रदेश कांग्रेसी नेताओं में कई मुद्दों पर जंग छिड़ती जा रही है। कांग्रेस में अगला मुख्यमंत्री पद का दावेदार कौन होगा इसी पर कांग्रेस नेताओं ने राजनेताओं के रिटायर के मुद्दे को उछाल दिया है। यह मुद्दा इस लिए उछला है कि कांग्रेस में जो बूढ़े हो चुके राजनेता है उनको पीछे किया जाए ताकि उनसे कम उम्र के राजनेताओं को अपनी पारी खेलने का माका मिल सके। देखा जाए तो कांग्रेस में नेता खुद ही राजनेताओं के रिटायर होने की बात तो करते हैं, परंतु कुर्सी की लालसा उन्हें ऐसा करने नहीं देती। [@ साल 2016 में गूगल पर सबसे ज्यादा सर्च हुए टाॅप 10 टाॅपिक्स]
राजनेताओं की आयु चाहे कितनी भी हो जाए वे अगला चुनाव लडऩे के दावे करने से पीछे नहीं हटते। परिवहन मंत्री जीएस बाली द्वारा बार-बार रिटायर की बात कर हिमाचल कांग्रेस की राजनीति में राजनेताओं की रिटायरमेंट को लेकर बहस छेड़ दी है। उन्होंने कहा कि यदि राजनीति के यही हालात रहे तो वे रिटायरमेंट के लिए तैयार हैं। ज्ञात रहे कि 90 वर्ष की आयु पूरी करने की दहलीज पर खड़ी कैबिनेट मंत्री विद्या स्टोक्स अगला चुनाव लडऩे के लिए भी पूरी तरह तैयार हैं। वहीं 82 वर्षीय मुंख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने पूरी हुंकार भर यह कह दिया है कि वे चुनाव लड़ भी सकते हैं और लड़वा भी सकते हैं। इससे पहले वीरभद्र सिंह दावा कर चुके हैं कि अगले विधानसभा चुनाव के बाद वे सातवीं बार हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री बनेंगे।
इससे पहले स्वास्थ्य मंत्री कौल सिंह ठाकुर ने कई बार कहा कि वे अगले विधानसभा चुनाव के बाद सक्रिय राजनीति से रिटायरमेंट ले लेंगे। ठाकुर कह चुके हैं कि राजनीति में 75 साल की आयु के बाद नेताओं को रिटायर हो जाना चाहिए। कौल सिंह ठाकुर आठ बार विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं और अगले चुनाव के बाद उनकी आयु 75 साल की हो जाएगी।
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