जयपुर। राजस्थान के खूंखार गैंगस्टर पांच लाख के इनामी आनंदपाल की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस भले ही सपने पाल रही हो लेकिन, उसके साथी द्वारा किए गए चौंकाने वाले खुलासे से अब लगता है कि आनंदपाल सुरक्षातंत्र पर ‘तू डाल-डाल, मैं पात-पात’ साबित हो रहा है। पुलिस व खुफिया अधिकारियों ने जो भी चक्रव्यूह रचे, आनंदपाल ने अपनी प्लांनिंग से विफल कर दिए। स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) की पूछताछ में आनंदपाल के साथी श्रीवल्लभ ने उसके प्लान के बारे में बताया है। जिनमें उसकी फरारी व पुलिस की विफलता का भी जिक्र है। श्रीवल्लभ के मुताबिक, फरारी की प्लानिंग बीकानेर जेल में बंद मंजीत ने बनाई थी। आनंदपाल और उसके भाई रूपेंद्र ने मंजीत को विधायक का चुनाव लड़ाने की योजना बनाई थी क्योंकि, दोनों का मानना था कि जिस मामले में मंजीत जेल में गया है, उसमें वह रिहा हो जाएगा। इसके लिए उन्हें गवाहों पर दबाव बनाना है। एसओजी के मुताबिक, मंजीत के खिलाफ सिर्फ जीवन गोदारा हत्याकांड दर्ज है। जिसमें उसके साथ रूपेंद्र उर्फ विक्की सहित अन्य लोग शामिल हैं। मंजीत ने जान के खतरे की आशंका जता कर खुद को पेशी से दूर कर लिया। यह सब योजना के मुताबिक हुआ था। फिर मंजीत ने नागौर का होने के नाते कमाण्डो शक्तिसिंह से नजदीकी बढ़ाई। उसे प्रलोभन दिया। कहा कि आनंदपाल के जेल से बाहर आने से गवाह मुकर आएंगे। जो नहीं मानेगा, उसका भी इंतजाम हो जाएगा। इसलिए आनंदपाल का फरार होना जरूरी है। आनंदपाल के बाहर आते ही उसकी रिहाई निश्चित है। फिर वह आसानी से बड़ा चुनाव लड़ सकता है। आनंदपाल की फरारी का दांव अब मंजीत और रूपेंद्र पर ही भारी पड़ गया है। राजनीतिक पहुंच बनाने के चक्कर में गिरोह ही बर्बाद हो गया है। एसओजी, एटीएस और पुलिस ने एक-एक करके गिरोह के तमाम राजदार और गुर्गे दबोच कर जेल भेज दिए।
[@ छेड़छाड़ का विरोध करने पर महिला को सरेआम पीटा, वीडियो वायरल]
बंगाल मेडिकल काउंसिल ने संदीप घोष के नाम जारी किया कारण बताओ नोटिस, 72 घंटे में देना होगा जवाब
हमारे आंदोलन का राजनीति से कोई लेना देना नहीं था : बजरंग पुनिया
भाजपा सदस्यता अभियान : अब तक सवा करोड़ से ज्यादा लोग बन चुके हैं पार्टी के सदस्य : जेपी नड्डा
Daily Horoscope