नई दिल्ली। पत्रकार की हत्या के आरोपों का सामना कर रहे राजद के विवादित
नेता शहाबुद्दीन को दिल्ली जेल स्थानांतरित करने पर सुनवाई गुरूवार को भी
पूरी नहीं हो सकी। ये सुनवाई गुरूवार 15 दिसंबर को जारी रहेगी।
अदालत मारे गए पत्रकार की पत्नी आशा रंजन और मारे गए तीन पुत्रों के पिता
चंदाबाबू की याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है।
जस्टिस दीपक मिश्रा और अमिताव
राय की पीठ के समक्ष सीबीआई की बहस पूरी होने के बाद चंदाबाबू की ओर से
वरिष्ठ अधिवक्ता शांतिभूषण ने बहस की और उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को
अनुच्छेद 142 के तहत पूर्ण न्याय करने के लिए शहाबुद्दीन को दिल्ली की जेल
में स्थानांतरित करने का आदेश देना चाहिए। इस आदेश से अभियुक्त के अनुच्छेद
21 के तहत मिले मौलिक अधिकार प्रभावित नहीं होंगे क्योंकि उसकी आजादी को
स्थापित कानून के अनुसार ही सीमिति किया जा रहा है। अनुच्छेद 142 स्थापित
कानून है जिसके तहत सुप्रीम कोर्ट को असाधारण शक्तियां मिली हुई हैं।
भारतीय बंदी कानून में कैदियों को एक राज्य से दूसरे राज्य की जेल में
स्थानांतरित करने का प्रावधान नहीं है।
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