नई दिल्ली। नोटबंदी पर तमाम याचिकाओं की सुनवाई 2 दिसंबर को होगी। इससे पहले खुद देश की सर्वोच्च न्यायलय नोटबंदी और उसकी गाउंड पर क्या मौजूदा स्थिति है उसे जानने की कोशिश करेगी। वहीं केंद्र ने सभी हाईकोर्ट की याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर करने की मांग की थी।
दायर याचिका में याचिकाकर्ता ने कहा था कि नोटबंदी के फैसले के बाद जमीनी हकीकत कुछ और ही है और लोग पैसे की कमी के चलते लगातार मर रहे हैं। लोगों को अपने पैसे के लिए रोजाना तमाम मुश्किलों से दोचार होना पड़ रहा है। हालांकि सरकार की ओर से पेश अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने इन आरोपों को गलत बताया और कहा कि लोगों की मुश्किलों को दूर करने के लिए तमाम कदम उठाए गए हैं।
जानकारी के मुतााबिक नोट बंदी मामले मे कपिल सिब्बल ने कहा कि ये गंभीर मसला है। योजना की संवैधानिक वैधता का सवाल है इस मामले को पाँच न्यायाधीशों की पीठ को भेजा जाना चाहिए।
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