अमरीष मनीष शुक्ला,इलाहाबाद। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खण्डपीठ ने बसपा सुप्रीमो मायावती पर बड़ा फैसला दिया है। हाईकोर्ट ने मायावती पर धर्म के नाम पर वोट मांगने के आरोप पर जांच करने का आदेश दिया है । आरोप सही पाये जाने पर बहुजन समाज पार्टी की मान्यता रद्द की जा सकती है। मालूम हो कि बसपा बास मायावती पर धर्म के नाम पर वोट मांगने का आरोप है। इस आरोप से संबंधित याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने जांच का आदेश दिया है । कोर्ट ने कहा है कि चुनाव आयोग सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के मुताबिक कार्यवाही करे। आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में अभिराम सिंह मामले की सुनवाई करते हुए जाति और धर्म के नाम पर वोट नहीं मांगने का आदेश दिया था। जिसके बाद हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग से कहा कि यदि उसके समक्ष इस प्रकार की शिकायतें लम्बित हैं तो वह देखे कि क्या शिकायतों में लगाए गये आरोप सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से सम्बंधित हैं। अगर आरोप सुप्रीम कोर्ट के आदेश के दायरे में हैं तो आरोप के तथ्यों की जांच कानूनी रूप से करें। [@ ...तो इसलिए यहां किसान अपनी ही तैयार फसलों को कर रहें है नष्ट]
गौरतलब है कि नीरज शंकर सक्सेना ने बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने धर्म के नाम वोट मांगने की जनहित याचिका दाखिल की थी। जिसकी सुनवाई करते हुये कोर्ट के समक्ष यह दलील दी गई थी कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा हाल में अभिराम सिंह मामले में दिये गए निर्णय से साफ हो गया है कि कोई भी धर्म के नाम पर वोट नहीं मांग सकता। ऐसे में मायावती के विरुद्ध कार्रवाई की जानी चाहिये। कोर्ट ने माना किजनप्रतिनिधित्व अधिनियम- 1951 की धारा- 29ए व 123 (3) के मद्देनजर जनता के बीच धर्म के नाम पर वोट की अपील करने वाली राष्ट्रीय अध्यक्ष की पार्टी की मान्यता कानूनन रद्द कर दी जानी चाहिये । न्यायालय के आदेश के बाद चुनाव आयोग इस आरोप की जांच कर अधिनियम के तहत कार्यवाही करेगा ।
यह आदेश न्यायमूर्ति एपी शाही और न्यायमूर्ति संजय हरकौली की खंडपीठ ने दिया हैं ।
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