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हाई कोर्ट: आवासीय कॉलोनियों में अब नहीं बन सकेंगी मल्टीस्टोरी बिल्डिंग

HC: No Malty story buildings in residential colonies - Jaipur News in Hindi

जोधपुर। राजस्थान हाईकोर्ट के न्यायाधीश संगीत लोढ़ा व अरुण भंसाली की खंडपीठ ने 257 पेज के एक आदेश में छह साल पूर्व जोधपुर सहित प्रदेश के छह शहरों के मास्टर प्लान के संबंध में दिए आदेश को मोडिफाई किया। इससे मौजूदा मास्टर प्लान के अनुरूप विकास कराने या नया मास्टर प्लान बनाने की राह खुल गई है, लेकिन नया मास्टर प्लान कोर्ट के निर्देशों के अनुरूप ही बनाना होगा। कोर्ट के आदेशानुसार अब आवासीय कॉलोनियों में मल्टीस्टोरी बिल्डिंग नहीं बन सकेगी। साथ ही मास्टर प्लान में उल्लेखित इको सेंसेटिव जोन, ग्रीन एरिया आदि में बदलाव नहीं होंगे। हालांकि कोर्ट ने रेयरेस्ट मामलों में बड़े जनहित को देखते हुए पेरीफेरी बेल्ट में बदलाव करने की राहत जरूर दी है। इसके लिए भी राज्य सरकार की अनुमति लेनी होगी। निकाय व प्राधिकरण अपने स्तर पर कोई बदलाव नहीं कर सकेंगे। कोर्ट ने याचिका को पेंडिंग रखकर अगली सुनवाई 22 मई को मुकर्रर की है। कोर्ट ने मास्टर प्लान को शहरी विकास की बाइबल बताते हुए इसकी पवित्रता भंग नहीं करने की बात भी कही है। साथ ही लैंड यूज चेंज के प्रार्थना पत्र इसी आदेश के निर्देशों की पालना में निस्तारित करने को कहा। न्यायमित्र के रूप में वरिष्ठ अधिवक्ता महेंद्रसिंह सिंघवी व अधिवक्ता विनीत दवे ने पैरवी की। जस्टिस लोढ़ा ने बार-बार मास्टर प्लान को बदलने व मनमाफिक नक्शे पास करने वाले नेताओं और निकाय के अफसरों को आदेश में पाबंद किया कि मास्टर प्लान को हल्के में नहीं लें। मास्टर प्लान डवलपमेंट का संपूर्ण दस्तावेज है। यह शहरी विकास की बाइबल होती है। इसकी पवित्रता भंग नहीं करें। मास्टर प्लान पर दिए अपने आदेश में हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि मास्टर प्लान में एक बार उल्लेखित होने पर इको सेंसेटिव जोन व ग्रीन एरिया में कोई बदलाव नहीं किया जाए, न ही इसे अन्य उपयोगार्थ रखा जाए। प्लान के रिवीजन या नया प्लान बनाने के दौरान भी इसमें बदलाव नहीं करने की अंडरटेकिंग देनी होगी। जोनल डवलपमेंट प्लान भी बनें। हर जोन में सार्वजनिक इमारत, रोड, मनोरंजन स्थल, पार्क, इंडस्ट्री व बिजनेस, स्कूल व प्राइवेट ओपन स्पेस आदि हो। अतिक्रमण या अवहेलना नहीं हो। केवल जनहित में ही ऑथोरिटी या सरकार मोडिफिकेशन कर सकेगी। कोर्ट ने आवासीय कॉलोनी में मिश्रित उपयोग पर रोक लगा दी है। आवासीय कॉलोनी आवासीय भूखंड पर व्यावसायिक उपयोगार्थ परमिशन नहीं दिए जाने के निर्देश दिए। कोर्ट ने कहा कि विकास प्राधिकरण व राज्य सरकार मास्टर डवलपमेंट प्लान व जोनल डवलपमेंट प्लान में मल्टीस्टोरी बिल्डिंग निर्माण के लिए जगह का स्पष्ट उल्लेख करने के लिए आवश्यक कदम उठाएं। आवासीय कॉलोनी में फैमिली यूनिट के अनुसार इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित हो तथा मकान बनाने की अनुमति दी जाए। आवासीय कॉलोनी में मल्टीस्टोरी बिल्डिंग बनाने की अनुमति नहीं दी जाए।

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