नई दिल्ली। सरकारी जमीन पर बने निजी स्कूलों में होने वाले दाखिले स्कूलों की मर्जी से ही होंगे, इसमें सरकार का कोई दखल नहीं हो सकता। हाईकोर्ट की डबल बेंच ने दाखिले के लिए केजरीवाल सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देश पर रोक लगाने के एकल पीठ के फैसले को बहाल रख केजरीवाल सरकार को साफ संदेश दे दिया है। [ खास खबर Exclusive: किसकी बनेगी सरकार ? चर्चाओं का बाजार गर्म] [ अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे]
एकल पीठ ने सरकार द्वारा इन स्कूलों में दाखिले के लिए 7 जनवरी को जारी दिशा निर्देश पर रोक लगा दी थी। इसके खिलाफ सरकार ने अपील दाखिल की थी। दिशा-निर्देश के तहत हाईकोर्ट ने गत बुधवार को इस मामले में सभी पक्षों को को सुनने के बाद अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया था।
चीफ जस्टिस जी. रोहिणी और जस्टिस एसडी सहगल की पीठ ने सोमवार को दिल्ली सरकार की अपील को खारिज कर दिया। पीठ के समक्ष सरकार ने एकल पीठ द्वारा दाखिला नीति पर रोक लगाने के निर्णय को कार्यपालिका के कामकाज में दखल बताया था। सरकार की ओर से अतिरिक्त सॉलीसिटर जनरल संजय जैन ने कहा था कि नीति बनाना कार्यपालिका (सरकार) का काम है। उन्होंने कहा कि न्यायपालिका का काम सिर्फ यह देखना है कि नीति बनाने में तय प्रक्रियाओं का पालन किया गया है या नहीं। जैन ने कहा कि कौन सी नीति अच्छी होगी यह देखना सरकार का काम है, न कि न्यायपालिका का। इसलिए एकल पीठ के कार्यपालिका के कामकाज में दखल देनेवाले इस आदेश को रद्द कर किया जाए।
विश्वविद्यालय कैंपस को लेकर एलजी-सीएम में विवाद, दोनों ने किया उद्घाटन एक साथ
उत्तराखंड के पूर्व सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा, नाथूराम गोडसे देशभक्त थे
धर्मांतरण मामला : हिंदू संगठन भी आए विरोध में, धर्मांतरण कराने वालों के लिए फांसी की मांग
Daily Horoscope