कानपुर। ग्वालटोली पुलिस ने डाकखाने में खाताधारक एक उपभोक्ता के साथ पोस्टमास्टर द्वारा धोखाधड़ी किए जाने का मामला सामने आया है। उपभोक्ता की तहरीर पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। [@ साल 2016 में गूगल पर सबसे ज्यादा सर्च हुए टाॅप 10 टाॅपिक्स]
कल्यानपुर के आवास विकास-3 के रहने वाले अशोक श्रीवास्तव काकादेव में कोचिंग पढ़ाते हैं। उन्होंने ग्वालटोली पोस्ट आफिस में अगस्त 2006 में दस-दस हजार रुपये की दो एनएससी करायी थी। अशोक के मुताबिक दोनों एनएससी एक मार्च 2009 को कचहरी क्षेत्र में खो गयी थी। जिसकी लिखित सूचना उन्होंने दो मार्च को थाना कोतवाली सहित ग्वालटोली पोस्ट आफिस में दी थी। उन्होंने बताया कि तत्कालीन पोस्टमास्टर ने उनसे कहा था कि एनएससी का समय पूरा पर वह पोस्ट आफिस में संपर्क कर लें। बतौर अशोक जब वह 2012 में पोस्टमास्टर के पास गए, तो पोस्टमास्टर ने उनकी फाइल न मिलने का हवाला दिया और कहा कि फाइल मिलने पर फोन कर देंगे। उसके बाद 2014 में तत्कालीन पोस्टमास्टर की जगह दूसरे पोस्टमास्टर ने चार्ज लिया तो उन्होंने डुप्लीकेट एनएससी के लिए फार्म और हलफनामा बनवाने के साथ दो सरकारी गवाहों के हस्ताक्षर करवाने की बात कही। इस बीच अशोक की मां की तबीयत खराब हो गयी और जब 2016 में तत्कालीन पोस्टमास्टर से संपर्क किया तो उन्होंने फाइल ढूंढ कर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया। जब फाइल मिल गयी तो एनएससी किसी दूसरे व्यक्ति के हस्ताक्षर से स्थानांतरित की गयी थी और उसका भुगतान भी हो चुका था। उपभोक्ता द्वारा पोस्टमास्टर को एनएससी में उनके हस्ताक्षर न होने का दावा करते हुए फर्जी हस्ताक्षर के जरिए पोस्टमास्टर द्वारा रूपये निकाल लेने का आरोप लगाया है।
पोस्टमास्टर द्वारा धोखाधड़ी किए जाने के मामले में पीड़ित ने एसएसपी से न्याय की गुहार लगायी। एसएसपी आकाश कुलहरी के आदेश पर ग्वालटोली थाने में पोस्टमास्टर के खिलाफ अभिलेखों में हेराफेरी, धोखाधड़ी व षडयंत्र किए जाने की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।
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