जयपुर। अखिल भारतीय गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामवीर सिंह विधूड़ी ने राजस्थान हाईकोर्ट द्वारा राज्य की गुर्जर व चार अन्य जातियों को सरकारी नौकरियों में दिए गए आरक्षण को रद्द किए जाने के लिए राज्य की वसुंधरा राजे सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि आज जो स्थिति पैदा हुई है, इसके लिए मुख्यमंत्री पूरी तरह उत्तरदायी हैं। उन्होंने केन्द्र सरकार से बातचीत कर 5 फीसदी आरक्षण के प्रावधान को संविधान की नौंवी अनुसूची में डलवा दिया होता तो आज अदालत से आरक्षण को रद्द किए जाने संबंधी फैसला बिलकुल नहीं होता। विधूडी ने कहा कि इस आरक्षण के लिए गुर्जर समाज बीते दस सालों से संघर्ष कर रहा है। अब तक 72 लोगों की जान जा चुकी है। हजारों लोगों को जेल जाना पड़ा है। विधूडी ने एलान किया कि गुर्जर व चार अन्य जातियों को न्याय दिलाने के लिए 15 जनवरी को नई दिल्ली के जंतर-मंतर पर एक विशाल धरने का आयोजन किया जाएगा। प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी को ज्ञापन देकर न्याय की गुहार लगाई जाएगी। इस धरने में राजस्थान की गुर्जर व चार अन्य जातियों की आवाज बुलंद करने के लिए देशभर से हजारों की संख्या में गुर्जर दिल्ली में जुटेंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री से मांग की जाएगी कि गुर्जर व चार अन्य जातियों को पांच फीसदी आरक्षण देने संबंधी राजस्थान सरकार की 16 अक्टूबर 2015 की अधिसूचना को संविधान की नौंवी अनुसूची में शामिल किया जाए।
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