इसके ट्रायल के दौरान मिशन की सारे उद्देश्य पूरे हुए। पूरे उडान पथ के
दौरान चांदीपुर में सभी रेडार, इलेक्ट्रो ऑप्टिकल और टेलीमेंट्री सिस्टम पर
सही से नजर रखी गई। इसे मल्टिबैरल रॉकेट लॉन्चर से छोडा गया। ज्ञातव्य है
कि करगिल जंग के दौरान पिनाक मार्क -1 ने काफी साथ दिया था।
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