वित्त मंत्री अरुण जेटली ने प्रेस कांफ्रेंस करते हुए कहा कि मुआवजे के लिए राज्यों को राजस्व की तुलना का आधार साल 2015-16 होगा। पहले पांच साल में राज्यों में राजस्व में 14 प्रतिशत वार्षिक की दीर्घावधिक वृद्धि दर को सामान्य माना जाएगा और उसकी तुलना में यदि राजस्व कम रहा तो केंद्र द्वारा संबंधित राज्य को उसकी भरपाई की जाएगी। जीएसटी परिषद की तीन दिन की बैठक के पहले दिन जीएसटी दर ढांचे के पांच विकल्पों पर विचार किया गया। जेटली ने कहा कि अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है और विचार विमर्श लगातार जारी रहेगा। जेटली ने कहा कि दरें तय करने का सिद्धान्त यह है कि यह मुद्रास्फीति की दृष्टि से तटस्थ हो,राज्य और केंद्र अपने खर्चे को जारी रख सकें और करदाताओं पर बोझ न पड़े।
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