बीकानेर। पुराना शहर यानी परकोटा पुष्करणा ब्राहाण समाज के सामूहिक सावे के मद्देनजर विशाल बारातघर के रूप में तब्दील हो रहा है। एक फरवरी को बसंत पंचमी के पावन मौके पर आयोजित होने जा रहे इस सावे में करीब डेढ़ सौ से ज्यादा जोड़े वैवाहिक बंधन में बंधेंगे। रंग-बिरंगी रोशनियों व शामियानों से सजे-धजे चौक और पाटे इस सावे को लेकर बन रहे हैं। समाज के मौजिज लोगों की मानें तो इस बार भी सामूहिक सावे के दिन औसतन हर पांच दस मिनटों के अंतराल में बारातों की रेलमपेल होगी। बारातों मे जितने बाराती नहीं होगें, उतने उनकी मनुहार करने वाले होंगे। इस ऐतिहासिक और गौरवशाली सावे की सबसे बड़ी खासियत भी यही रही है। सावे के चलते पिछले एक सप्ताह से शहरवासी उमंग और उत्साह में हैं। ‘चट मंगनी पट ब्याह’ की तर्ज पर कइयों ने तो रिश्ते भी हाथोंहाथ बैठा दिए हैं। सामूहिक सावे के इस पावन मौके पर विवाह सूत्र में बंधने जा रहे जोड़ों के परिवारों की सहायता के लिए भी अनेक संस्थाएं और समाजसेवी लोग पलकें बिछाए बैठे हैं। हर कोई यही चाहता है कि इस सावे में अधिकाधिक शादियां हो, ताकि सावे की गरिमा बरकरार रह सके। सावे के दिन इस बार भी सबसे पहले बारात निकालने तथा नियत स्थान पर पहुंचने वाले दुल्हों को विभिन्न संस्थाओं की ओर से सम्मानित किया जाएगा। समाज में आमतौर पर बारातें देर रात निकलने का रिवाज है। इसे देखते हुए कुछ संस्थाओं ने नियत समय पर बारातें निकलने वालों को सम्मानित करने की पंरपरा करीब एक दशक पहले शुरू कर दी थी। [@ राजस्थान में जन्मा मेंढक जैसा बच्चा] [@ अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे]
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