श्रीगंगानगर। साढ़े तीन साल पहले श्रीगंगानगर के अशोकनगर बी में हुए दोहरे हत्याकांड के आरोपी को विशिष्ट न्यायालय महिला उत्पीडऩ एवं दहेज प्रकरण न्यायालय ने उम्रकैद व दस हजार रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई है। विशिष्ट लोक अभियोजक दिनेश नागपाल ने बताया कि 19 अप्रेल 2013 को अशोकनगर बी की गली नंबर पांच में संपत्ति बंटवारे को लेकर एक वृद्धा और उसके बेटे की हत्या हुई थी। मीरा चौकी के एसआई रामचंद्र को कंट्रोलरूम से सूचना मिली कि अशोकनगर बी की गली नंबर 5 में लड़ाई हो रही है। एएसआई रामचंद्र मौके पर पहुंचे तो देखा कि एक घर में दो शव पड़े हैं। पास ही कुल्हाड़ी भी मिली। वृद्धा राजबाला और उसका बेटा राजकुमार वहां रहते थे। इनकी हत्या के बाद आरोपी फरार हो गया था। पास के लोगों ने बताया कि राजबाला का पोता अशोक यहां आया था। नागपाल ने बताया कि उस समय एसआई रामचंद्र को आसपास के लोगों ने बताया कि जाते समय पोता अशोक यही कहकर गया था कि उसने हमेशा के लिए झगड़ा खत्म कर दिया है। इसके बाद किसी ने भी एफआईआर नहीं कराई तो खुद एसआई रामचंद्र ने ही जवाहरनगर थाना में एफआईआर दर्ज कराई। घटना के दो घंटे बाद ही पुलिस ने आरोपी अशोक उर्फ अशोकी को छह एफ बड़ा स्थित उसके ससुराल से गिरफ्तार कर लिया था। जांच के बाद पुलिस ने अशोक को दोषी मानते हुए कोर्ट में चालान पेश किया था। कोर्ट ने आरोपी अशोक को आईपीएस की धारा 302 में दोषी माना और आजीवन कारावास के साथ ही दस हजार रुपए के अर्थ दंड से दंडित किया है। अर्थदंड नहीं देने पर अतिरिक्त सजा होगी।
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