किरणमय नंदा ने की थी कांग्रेस से गठबंधन की बात
सपा
के वरिष्ठ नेता किरणमय नंदा ने एक चैनल से कहा था कि गठबंधन की खातिर
सिर्फ कांग्रेस से बात चल रही है। नंदा ने कहा था, ‘आरएलडी से कोई बात नहीं
हो रही है। राजद, ममता और जदयू केवल सपा को सपोर्ट करेंगे और चुनाव प्रचार
में भाग लेंगे। हम इनके साथ मिलकर चुनाव नहीं लड़ेंगे। हम सिर्फ 2017 को
ध्यान में रख चुनाव नहीं लड़ रहे हैं, हमारी नजर 2019 के चुनावों पर भी है।
कांग्रेस साथ सीटों का बंटवारा 2012 के चुनाव परिणाम के आधार पर होगा।’
सपा
ने अभी तक रालोद से इस मुद्दे पर सीधे बात नहीं की है, पर कांग्रेस द्वारा
उसे गठबंधन में शामिल करने पर रालोद को भी कम से कम 20 तो देनी पड़ेगी।
वर्ष 2012 में कांग्रेस से गठबंधन पर अजित सिंह का रालोद 45 सीटों पर चुनाव
लड़ा, जिसमें नौ सीटों पर जीते और 12 पर दूसरे नंबर पर रहे। खास बात यह है
कि रालोद की निगाह सपा की तीन सिटिंग सीटों मेरठ की सिवालखास, मुजफ्फरनगर
की बुढ़ाना व हाथरस की सादाबाद पर भी है। सपा इन्हें छोडऩे को तैयार नहीं
है।
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