जयपुर। एसबीसी आरक्षण पर राजस्थान हाईकोर्ट की रोक के बाद गुर्जरों को राजी करने के लिए राज्य सरकार न केवल सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका( एसएलपी) दायर करने की तैयारी कर रही है, बल्कि गृह विभाग ने गुर्जर आंदोलन के दौरान दर्ज मामलों के निस्तारण में तेजी दिखाई है। सरकार ने सभी अभियोजन अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि जिला मजिस्ट्रेट से संपर्क कर जिले में पेन्डिंग मामलों को जिला कमेटी की मीटिंग आयोजित कर उन पर शीघ्र कार्रवाई करें। सहायक अभियोजन अधिकारियों के साथ मीटिंग के बाद विभाग ने यह निर्देश जारी किए गए हैं। गौरतलब है कि गुर्जर आंदोलन से जुड़े 754 मामलों में से 197 प्रकरण सरकार वापस ले चुकी हैं। वहीं, 557 मामलों की स्टेटस रिपोर्ट तैयार की जा रही है। विभाग ने अभियोजन अधिकारियों से कोर्ट में लंबित प्रार्थना पत्रों में प्रभावी पैरवी कर उनका शीघ्र निस्तारण कराने के भी निर्देश दिए हैं। वहीं, विचाराधीन मामलों में राज्य सरकार के आदेशों की अक्षरश: पालना सुनिश्चित की जाए। अभियोजन अधिकारियों से यह भी कहा गया है कि गुर्जर आंदोलन से जुड़े मामलों में पुलिस अनुसंधान के बाद, कोर्ट में एफआर को स्वीकार किए जाने के संबंध में सहायक अभियोजन निदेशक प्रभावी पैरवी की व्यवस्था करें। विभाग के विशिष्ट सचिव देवेंद्र दीक्षित के अनुसार, सरकार ने जिन मामलों को कोर्ट से वापस लेने का निर्णय किया है, उनमें अभियोजन अधिकारी प्रभावी तरीके से पैरवी करने की व्यवस्था करें। कोर्ट में प्रार्थना पत्र अस्वीकार किए जाने की दशा में उस आदेश की निगरानी करवाए जाने के लिए जिला मजिस्ट्रेट को प्रस्ताव भेजे जाएं। ऐसे किसी मामले में पुनर्विचार याचिका (रिविजन पीटिशन) भी पेश की गई हो और अस्वीकार कर दी गई है तो ऐसे प्रस्ताव तत्काल जिला कमेटी में रखें जाएं। प्रकरण को वापस लेने का प्रस्ताव पुन: राज्य सरकार को भेजा जाए।
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