हनुमानगढ़। टकराव के माहौल में किसानों की मांग आखिरकार सरकार ने मान ली। जिला कलक्ट्रेट पर दिनभर किसानों के पड़ाव के बाद शाम को हुई वार्ता में अधिकारी 1200 क्यूसेक पानी देने पर सहमत हो गए। इसके बाद किसानों ने पड़ाव समाप्त कर दिया। करीब तीन घंटे तक चली वार्ता में किसान प्रतिनिधि भाखड़ा में मार्च तक 1200 क्यूसेक पानी चलाने की मांग करते रहे जबकि, जल संसाधन विभाग के अधिकारी ना-नुकर करते रहे। आखिरकार किसानों की एकजुटता के आगे सरकार को झुकना पड़ा। नहरों में किसान जिस तरह पानी चाहते थे, अधिकारियों ने उसी के अनुरूप रेग्यूलेशन बनाया। हालांकि किसानों की मांग पर औपचारिक मोहर मंगलवार को लगेगी। इसके लिए मंगलवार को जल वितरण समिति की बैठक बुलाई गई है। इसमें संघर्ष समिति के साथ हुए समझौते की पालना में रेग्यूलेशन बनाकर इसे लागू किया जाएगा। वार्ता में सहमति बनने के बाद पूर्व विधायक हेतराम बेनीवाल ने जब सभा को संबोधित किया तो सभी किसान खुश नजर आए। किसानों का कहना था कि हमारी एकजुटता रंग लाई, जिससे सरकार को झुकना पड़ा। उधर, टकराव की आशंका में पुलिस प्रशासन दिनभर सतर्क रहा। चप्पे-चप्पे पर पुलिस का जाप्ता तैनात था। करीब 1200 से अधिक का जाप्ता पड़ाव स्थल के आसपास लगाया गया था। धरतीपुत्रों के आक्रोश को देखते हुए कलक्ट्रेट परिसर को पूरी तरह से छावनी में तब्दील कर दिया। शाम को आंदोलन शांतिपूर्ण ढंग से निपटने के बाद पुलिस और प्रशासन ने चैन की सांस ली।
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