चंडीगढ़। पिछले वर्ष हुए जाट आंदोलन से सबक लेते हुए हरियाणा सरकार ने इस बार 29 जनवरी से होने वाले जाट आंदोलन के लिए तैयार प्रारंभ कर दी है। जानकारी के अनुसार आंदोलन को देखते हुए सरकार ने प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों की छुट्टियां कैंसिल कर दी है। इसके अतिरिक्त राज्य सरकार ने केन्द्र सरकार से पैरामिलिट्री फोर्सेस की 55 कम्पनीयों की मांग की है। मुख्य सचिव कार्यालय की ओर से इस संबंध में परिपत्र जारी कर दिया गया है। [@ बच्चा मंदबुद्धि, मां मजबूर, बचपन जंजीर में बंधा ] [@ अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे]
दूसरी तरफ सीएम के प्रधान सचिव राजेश खुल्लर ने सभी उपायुक्तों व पुलिस अधीक्षकों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से आदेश दिए कि 29 जनवरी को प्रस्तावित जाट आरक्षण आंदोलन के मद्देनजर कानून एवं व्यवस्था को बनाए रखें। यदि कोई नेता या व्यक्ति धरने की अनुमति चाहता है तो उनसे लिखित में लें कि नुकसान की जिम्मेदारी उनकी ही होगी। उन्होंने कहा कि धरने का स्थान हाईवे व रेल ट्रैक से दूर ही रहेगा। उन्होंने सभी उपायुक्तों व पुलिस अधीक्षकों को यह भी आदेश दिए कि वे संवेदनशील क्षेत्रों का संयुक्त रूप से दौरा करें।
गृह सचिव राम निवास ने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग और रेलवे ट्रैक को किसी भी हालत में नुकसान से बचाना है तथा पुलिस बल मॉकड्रिल कर अपनी तैयारी पूरी रखें। आंदोलन के दौरान कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए मुख्यमंत्री के निर्देशों के बाद डीजीपी डॉ. केपी सिंह, एडीजीपी (कानून) मोहम्मद अकील और आइजी (सीआइडी) अनिल कुमार राव फील्ड में पुलिस अधिकारियों के साथ लागतार बैठकें कर रहे हैैं।
मुख्यालय का जिम्मा मुख्य सचिव डीएस ढेसी और गृह सचिव रामनिवास ने संभाला हुआ है। पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा हर रोज फील्ड से मिल रहे फीडबैक के बारे में मुख्यमंत्री कार्यालय को नियमित रिपोर्ट भेजी जा रही है।
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