उदयपुर। हर शहर में कुछ जगहों के नाम ऐसे होते हैं जिनका जिक्र हम रोज़ करते हैं, लेकिन असल में हम उनका मतलब या वास्तविक जानकारी नहीं रखते। ऐसी ही कुछ रोचक जानकारी, जो आप हम आपको बताते है। यु तो झीलों का शहर में अपने नैसर्गिक खूबसूरती के लिए तो जाना ही जाता है, साथ ही यह शहर सांस्कृतिक और ऐतिहासिक रूप से अपनी खासी पहचान रखता है। शहर में कई ऐसे चौराहे और स्थान है, जिनके बारे में शायद हर कोई जानना चाहता है।
क्या होता है ‘पोल’
आगे और पीछे की तरफ दरवाजा होता है और बीच में जो खाली जगह होती है उसे ‘पोल’ कहते हैं । दुश्मन अचानक अन्दर घुस कर हमला ना कर सके इसके लिए पोल का निर्माण किया गया था। ऊपर की तरफ कम से कम 10 फीट की चौड़ाई वाली जगह बनाई जाती थी। जहां से दुश्मन पर नजर रखी जाती थी, इसे शहरकोट कहते हैं। 10 फीट की चौड़ाई रखने का उद्देश्य था कि, उस पर हाथी को भी ले जाया सके। आदमी भी चल सके और भारी तोप जैसे हथियार भी ले जाए जा सकें। शहरकोट पर चढऩे के लिए रैंप नुमा जगह बनाई जाती थी और सीढिय़ां भी होती थी। कोट में छोटी छोटी खिड़कियां बनी होती थी । जिसमें बन्दूक या तोप का मुंह फंसाकर दुश्मन पर वार किया जाता था। ‘चांदपोल’ नाम इसलिए पड़ा क्योंकि बीज का चन्द्रमा तिथि के अनुसार पश्चिम में उगता है और इस पोल से चांद को देखा जा सकता था। हिन्दू तिथि के अनुसार बीज को शुभ तिथि माना जाता है।
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