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श्रीगंगानगर। पंजाब से 2600 क्यूसेक पानी छोडने के बावजूद राजस्थान के खखां हैड पर 1900 से 2000 क्यूसेक पानी पहुंच रहा है। पानी का स्तर 1200 क्यूसेक से भी नीचे चला जाता है, इससे किसानों की कई बारी पिट जाती है। वहीं पंजाब के किसानों की समस्या सेम के कारण कम होने का नाम ही नहीं ले रही। पंजाब सरकार द्वारा सेम ग्रस्त गांवों में सेम नाले बनाकर ट्यूबेलों से सेम का पानी निकालकर किसानों को राहत प्रदान करने की कोशिश जारी है। राजस्थान के किसान पानी की कमी के कारण परेशान है, वहीं पंजाब के किसान सेम के कारण मुश्किलों में है। दोनों ही राज्यों के किसानों की समस्या का समाधान राजस्थान सरकार के हाथो में है। दोनों राज्यों के किसान आंदोलन करने के लिए लामबंद हो रहे है। गंगानगर व पजाब के सेमग्रस्त गांवों से समिति बनाकर गांव-गांव जाकर आंदोलन के लिए किसानों से सम्पर्क करना शुरू किया जायेगा। शुक्रवार को पंजाब से आए सेम निवारण समिति के सदस्य व गंगानगर के किसान समिति के सदस्यों ने मोहनपुरा, रााहिडावाली, हिन्दुमलकोट, कोठा व दुल्लापुर केरी आदि गांवों में ग्राम सभाएं करके पंजाब के किसान नेताओं ने पंजाब में हो रही सेम के कारण फसल बर्बादी का विडियो दिखाया व उन्होंने कहा कि गंगानगर का किसान ही नहीं हम भी पानी के कारण बर्बाद हो रहे है। पंजाब से आई समिति के सदस्यों ने सभा में अपने विचार रखे। राजस्थान के किसानों ने रेगुलेशन कमेटी पर आरोप लगाते हुए कहा है कि राजनीति के चलते किसानों की बारियां पिट रही है। कई किसान नेता हमदर्द बनकर आते है अपनी किसानों की समस्या के नाम पर रोटिया सेकते है।
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