शिमला । ग्राम विकास एवं पंचायत अधिकारी महासंघ ने ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री के बयान का
विरोध किया है जिसमें उन्होंने पंचायती राज तथा ग्रामीण विकास विभागों के विलय
की बात कही है।पंचायत सचिव महासंघ के राज्याध्यक्ष चंद्रमणी ठाकुर ने कहा कि यह कदम
विभागों में कार्यरत अधिकांश कर्मचारियों के हित में नहीं है । बेशक चंद लोग निजी स्वार्थ
के दृष्टिगत इसका समर्थन कर रहे हों।
ग्रामीण विकास विभाग के माध्यम से गांवों के विकास
की लगभग सभी योजनाएं कार्यान्वित की जा रही हैं और इस विभाग के अधीन कार्यरत खण्ड विकास
अधिकारी तथा पंचायत सचिव व अन्य फील्ड कर्मचारी प्रभावित होंगे जिससे विकास के कार्यों
में भी निश्चित तौर अवरोध उत्पन्न होगा। यही नहीं खण्ड विकास अधिकारी के पद का औचित्य
लगभग समाप्त होने की संभावना है।
चंद्रमणी ने कहा कि ग्रामीण विकास विभाग में कार्यरत पंचायत सचिव कभी
भी पंचायती राज विकास विभाग में कार्यरत पंचायत सहायकों के साथ विलय को स्वीकार नहीं
करेंगे। चाहे इसके लिये उन्हें न्यायालय का दरवाजा ही क्यों न खटखटाना पड़े। उन्होंने
इस पर तर्क दिया है कि पंचायती राज विभाग में कार्यरत पंचायत सहायक जिला परिषदों के
कर्मचारी हैं और कमीशन के माध्यम से नियुक्त नहीं हुए हैं और न ही उन्हें पंचायत सचिवों
की तरह कार्यप्रणाली का ज्ञान है।
उन्होंने कहा कि इस संबंध में अनेक बार दोनों विभागों के उच्च अधिकारियों
से भी बैठकें की जा चुकी हैं लेकिन बैठकों के दौरान विलय को लेकर किसी योजना पर खुलकर
चर्चा नहीं की जा रही है। इससे कर्मचारियों के मनोबल पर भी विपरीत प्रभाव पड़ता है।
उन्होंने मंत्री से विलय की संभावना से पूर्व कर्मचारियों के हितों की रक्षा को ध्यान
में रखकर फैसला लेने का आग्रह किया है।
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