लखनऊ। उत्तर प्रदेश
के आगामी विधानसभा चुनाव में इस बार सत्ता पर कौन विराजमान होगा, वह तो राज्य के
मतदाताओं के हाथ में है, लेकिन राज्य की एक विधानसभा सीट ऐसी भी है जिसे राज्य के
राजनीतिक गलियारे में लकी माना जाता है। पूर्वाचल और अवध के बीच की कड़ी जिला
सुल्तानपुर की इस सीट पर बीते 45 वर्षो से सत्तारूढ़ दल का विधायक ही विराजमान रहा
है। या यों कह लें कि इस सीट पर जिस पार्टी का विधायक जीतता है, उसी पार्टी के हाथ
में राज्य की सत्ता भी आती है। [@ UP ELECTION: मैनचेस्टर के मतदाताओं को नहीं लुभा पाए निर्दलीय]
यह सीट है सुल्तानपुर सदर, जहां से इस समय समाजवादी पार्टी (सपा) के अरुण कुमार
विधायक हैं। 2009 के परिसीमन से पहले इस सीट का नाम जयसिंहपुर था।
इस बार यह सीट तब चर्चा में आई, जब मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आगामी विधानसभा
चुनावों का शंखनाद करने के लिए इस सीट को चुना।
सुल्तानपुर सदर सीट पर इस बार अरुण कुमार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के
प्रत्याशी सीताराम वर्मा और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के प्रत्याशी राज प्रसाद
उपाध्याय चुनौती दे रहे हैं। इस सीट की सबसे बड़ी खासियत यह है कि जब भी राज्य में
सत्ता की लहर में परिवर्तन हुआ, तो यहां के निवासी परिवर्तन की उस लहर को भांपने
में सटीक साबित हुए।
इस सीट के भाग्यशाली होने का सिलसिला 1969 में कांग्रेस प्रत्याशी श्यो कुमार के
जीतने से शुरू हुई। इसके बाद जब 1977 में पूरे देश की राजनीतिक फिजां बदली और जनता
पार्टी की लहर चली तो यहां से भी जनता पार्टी के प्रत्याशी मकबूल हुसैन खान ने
बाजी मारी।
लेकिन तीन साल बाद ही 1980 में कांग्रेस प्रत्याशी देवेंद्र पांडे जयसिंहपुर सीट
से जीते और राज्य में कांग्रेस सरकार की वापसी हुई।
जनता पार्टी से टूटकर अलग हुई जनता दल ने 1989 में उत्तर प्रदेश की सत्ता पर पहली
बार कब्जा जमाया और इस बार जयसिंहपुर की अवाम ने जनता दल के उम्मीदवार सूर्यभान
सिंह को सत्ता की चाबी सौंपी।
90 का दशक सिर्फ राज्य में ही नहीं बल्कि पूरे देश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)
के नई राजनीतिक शक्ति के रूप में उभर कर आने का दशक रहा। 1991 में जयसिंहपुर सीट
से पहली बार भाजपा का कोई उम्मीदवार जीता और राज्य में भी पहली बार भाजपा ने सरकार
बनाई।
भाजपा की सरकार हालांकि 1992 में बाबरी विध्वंस के साथ गिर गई और सपा ने बसपा से
गठबंधन कर सरकार बनाई। 1993 के उप-चुनाव में जयसिंहपुर से भी सपा के प्रत्याशी ए.
रईश को जीत मिली।
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