धर्मशाला, कांगड़ा (सीमा अग्रवाल)। जिला कांगड़ा के समस्त सरकारी अस्पतालों में
अब जीवन रक्षक गोलियों का असर दिखने लगा है। यूं भी कहा जा सकता है कि निशुल्क
जीवन रक्षक दवा वितरित करने की सरकारी योजना अब अस्पतालों में दम भरने लगी है।
जिला कांगड़ा में अभी तक जीवन रक्षक गोलियां उपलब्ध करवाने के लिए 3.75 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं।
प्रदेश सरकार ने जिला कांगड़ा के लिए 1.50 करोड़ रुपये के बजट का और प्रावधान किया गया
है ताकि अस्पतालों में आने वाले रोगियों को निशुल्क जीवन रक्षक गोलियां उपलब्ध
करवाई जा सकें।
उपलब्ध जानकारी
के अनुसार
जिला के अस्पतालों में 57 दवाइयां निशुल्क उपलब्ध करवाई जा रही हैं।
स्वास्थ्य विभाग इस पर बराबर नजर रखे हुए है।
आपातकालीन स्थित से निपटने के लिए भी
स्वास्थ्य विभाग ने अलग से तैयारी की है। इसमें अगर कहीं जीवन रक्षक दवा की कमी
रहती है तो दवा को उपलब्ध करवाने के लिए आपातकालीन स्थिति में एसएमओ को 5 लाख तथा बीएमओ को 2 लाख रुपये की राशि जारी की जाएगी ताकि
रोगियों को बराबर जीवन रक्षक गोलियां मिलती रहे। जिला स्वास्थ्य विभाग के अनुसार
अगर कोई डाक्टर जीवन रक्षक गोलियों के बदले पर्ची पर बाहर की दवा लिखता है तो उसके
खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी अमल में ली जाएगी।
जीवन रक्षक
गोलियों को लेकर पहले रोगियों में इस बात को लेकर रोष था कि जिला अस्पताल में
पिछले कुछ दिन से पेट दर्द,
पेट में जलन, पेट के कीड़ों,
खुजली एवं विटामिन जैसी महत्वपूर्ण दवाएं
उपलब्ध नहीं करवाई जा रही थी। पहले पर्चा बनवाने, फिर डॉक्टरों से चैकअप कराने और इसके बाद दवा खिड़की पर कतार में लगने पर जब मरीज का नंबर
आता है तब पता लगता है कि पर्ची में लिखी दवाओं में एक-दो उपलब्ध ही नहीं है।
लेकिन स्वास्थ्य विभाग के अनुसार अब सभी अस्पतालों में रोगियों को सरकार द्वारा
निर्धारित सभी जीवन रक्षक गोलियां उपलब्ध कराई जा रही हैं।
जिला कांगड़ा के सीएमओ आरएस राणा ने बताया कि जिला के
सभी अस्पतालों में एमोक्सीस्लीन, डोक्सीसाइक्लीन, सिप्रोफोनेलेक, नोटामोक्स, सरफोडोक्सीन, सीफिक्जि़म, एफ्लोक्सीन, एजि़थ्रोमाइसिन को सूची में डाला गया है। अस्थमा के
लिए सेलबोटामोल, दिल की बीमारी के लिए इस्तेमाल होने वाली दवाओं में टैलटीसाटेन, ओल्मीसाईटिन, नोनिटामोल, रोरास्टाटिन, एटोरवास्टाटिन, मौसम बदलने से होने वाली एलर्जी के लिए लिवोसिट्राजिऩ, त्वचा एलर्जी के लिए आर्टोडम, पैंड्रम, टर्बीनाफोर्स गोलियां निशुल्क दी जा रही हैं।
उन्होंने कहा कि अगर कोई डाक्टर पर्ची पर बाहर की दवा लिखता है तो उस पर कानूनी
रुप से कार्रवाई की जाएगी।
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