जयपुर। एक ओर पुलिस जयपुर में छात्रा से हुए गैंगरेप को लेकर आरोपियों की तलाश में जुटी हैं तो दूसरी ओर हाई प्रोफाइल ब्लैकमेलिंग गिरोह में कुछ पुलिस वाले ही अपराधी बनकर सामने आ रहे हैं। खाकी के इस दोहरे चरित्र के बीच पुलिस गैंगरेप पीडि़ता छात्रा को लेकर जयपुर में तीन घंटे तक घूमती रही। लेकिन, उसे जयपुर जंक्शन से अगवा कर वारदात को अंजाम देने वाले ऑटो ड्राइवर सहित चारों बदमाशों का कोई सुराग नहीं मिल पाया। अब पुलिस इस मामले को ही संदिग्ध बता रही है। उधर, दुष्कर्म मामलों में फंसाने की धमकी देकर डॉक्टर, बिल्डर और डॉक्टर सहित नामचीन लोगों को ब्लैकमेल कर करोड़ों रुपए वसूलने वाली हाईप्रोफाइल गैंग के खुलासे के बाद चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। प्रदेश में इस तरह के कई गिरोहों के सक्रिय होने की आशंकाओं के बीच इन मामलों में पुलिसकर्मियों की भी मिलीभगत रही है। पिछले 11 माह में प्रदेश के 865 थानों में 3317 दुष्कर्म के मामले दर्ज हुए। इनमें से 1233 में एफआर लगा दी गई। इनमें से करीब 750 मामले राजनीमे के बाद बंद कर दिए गए। दुष्कर्म के ज्यादातर मामलों में मोटी रकम लेकर पुलिसकर्मी ही पीडि़ता व आरोपी पक्ष के बीच राजीनामा करने में लग गए। ऐसे अधिकांश मामलों में युवती ने पहले तो दुष्कर्म होने का केस दर्ज कराया, फिर गलतफहमी के कारण केस दर्ज कराने का शपथ पत्र पुलिस को दिया। हालांकि पुलिस को झूठा मुकदमा दर्ज कराने पर संबंधित युवती के खिलाफ आईपीसी की धारा 182 के तहत कार्रवाई करनी चाहिए लेकिन, ऐसा एक भी मामले में नहीं हुआ। यह भी साबित करता है कि पुलिसकर्मियों की राजीनामे में अहम भूमिका रही। दोनों पक्षों के बीच राजनीमे से पुलिसकर्मियों की भी चांदी हो जाती है। धारा 182 में 1000 रुपए और तीन माह तक की सजा का प्रावधान है। पुलिस आंकड़ों के अनुसार जनवरी 2016 से नवंबर माह तक प्रदेश के 865 थानों में 3317 दुष्कर्म की घटनाएं दर्ज हुई। इनमें से राजीनामा होने पर या फिर पर आरोप प्रमाणित नहीं होने पर पुलिस ने 1233 मामलों में एफआर लगा दी। इसके अलावा 1471 मामलों में पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चालान पेश कर दिया। अभी भी पुलिस की जांच में 712 मामले पेंडिंग हैं। प्रदेश में सबसे ज्यादा दुष्कर्म की घटनाएं अलवर में हुई। पिछले 11 माह में अलवर में 224 घटनाएं हुईं। इनमें से पुलिस को जांच या राजीनामे के बाद 104 घटनाओं में एफआर लगानी पड़ी। इसके बाद में गंगानगर में 170, भरतपुर में 178, उदयपुर में 175 और बांसवाड़ा में 141 दुष्कर्म की घटनाएं हुईं। जयपुर कमिश्नरेट के उत्तर जिले में 55, दक्षिण में 79, पूर्व में 65 और पश्चिम में 106 घटनाएं हुई। इनमें से पुलिस को 111 घटनाओं में एफआर लगानी पड़ी है।
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