भरतपुर। पूर्व सांसद रतन सिंह ने सरकार से मांग की है कि यमुना जल से भरतपुर जिले का पूरा हिस्सा प्राप्त करने के लिए गुड़गांव कैनाल के द्वितीय चरण के कार्य को शीघ्र प्रारंभ किया जाए, साथ ही पहाडी़ कैनाल पर लिफ्ट लगाकर पानी को सीकरी बांध में डाला जाए, ताकि सीकरी बांध से आसपास के क्षेत्रों में सिंचाई की अतिरिक्त सुविधा प्राप्त हो सके। इस लिफ्ट परियोजना को सरकार आगामी बजट में शामिल करे।
पूर्व सांसद एवं कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष रतनसिंह ने बताया कि भरतपुर जिले को यमुना जल से 1281 क्यूसेक पानी आवंटित हुआ, जिसमें से भरतपुर फीडर से 300 एवं गुडगांवा कैनाल से 500 क्यूसेक पानी दिया जाना तय हुआ। किन्तु गुडगांवा कैनाल से वर्षाकाल में मात्र 150 क्यूसेक पानी दिया जा रहा है जिसमें से भी कुछ हिस्सा हरियाणा में किसानों द्वारा करीब 200 डीजल पम्प लगाकर चोरी कर लिया जाता है।
इसी प्रकार भरतपुर फीडर से भी जिले को करीब 100 क्यूसेक पानी ही प्राप्त होता है। इस फीडर के उत्तर प्रदेश के हिस्से से भी पानी चोरी होता रहा है। अब सरकार को भरतपुर जिले के यमुना जल हिस्से को पूरा प्राप्त करने के लिए चाहिए कि दोनों कैनालों में होने वाले पानी की चोरी पर रोक लगे और हरियाणा सरकार भी पूरा पानी कैनालों में छोडें।
हरियाणा एवं राजस्थान में भाजपा की सरकारें हैं। ऐसी स्थिति में दोनों सरकारें आपस में वार्ता
कर तय करें कि यमुना जल से भरतपुर का पूरा हिस्सा जिले को दें, वहीं राजस्थान में तो जल बंटवारे संबंधी मामलों के लिए अगल से केबिनेट मंत्री स्तर का नदी जल बंटवारा समिति के अध्यक्ष भी नियुक्त कर रखा है।
उन्होंने बताया कि यमुना जल हिस्से को पूरा प्राप्त करने के लिए गुडगांवा कैनाल के समानान्तर एक नहर सीकरी बांध तक बनाई जाये और उपयुक्त स्थान पर इस यमुना जल को एकत्रित कर लिफ्ट द्वारा सीकरी बांध में डाला जाये। सीकरी बांध से 28 नहरें निकलती हैं जो सीकर एवं आसपास के क्षेत्रों में सिंचाई का कार्य करती हैं।
यमुना जल आने के बाद डीग, नगर, सीकरी व पहाडी क्षेत्रों में करीब 62800 एकड क्षेत्र में दो बार सिंचाई हो सकेगी और क्षेत्र के भू-जल की गुणवत्ता में भी सुधार होगा। इन क्षेत्रों में यमुना जल पेयजल के लिए भी काम में लाया जा सकेगा। पूर्व सांसद ने बताया कि इस परियोजना में पम्पिंग स्टेशन पर 5.55 करोड, पाइप लाइन पर 0.96 करोड और पम्प व बिजली उपकरणों आदि पर करीब 30 करोड अर्थात कुल 123 करोड रूपये की लागत आयेगी, लेकिन इस लिफ्ट परियोजना से कृषि उत्पादन करीब तीन गुना बढ़ जाएगा।
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