गत माह नोटबंदी की घोषणा के बाद से नौकरशाह द्वारा मोदी को लिखे गए पत्रों
की एक श्रृंखला में यह सबसे ताजा पत्र है। लोकतांत्रिक सुधार के लिए संघर्ष
कर रहे सरमा ने निराशा जाहिर की कि नोटबंदी के साथ आवश्यक सुधार की शुरूआत
नहीं की गई और केद्रीय जांच एजेंसियां कालाधन रखने वाली बडी मछलियों पर
हाथ नहीं डाल रहीं हैं।
[@ ... तो PM की कानपुर रैली से पहले यूपी के लिए भेजे 5000 करोड़ रुपये कैश?]
जांच एजेंसियां बडी मछलियों पर
हाथ नहीं डाल रहीं...
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