1. 9 सितम्बर को बैंस बन्धुओं को मार्शल ने उठाकर विधान सभा से बाहर फैंक दिया था ! विधान सभा स्तर के दौरान विपक्ष ने अविश्बास प्रस्ताव रखा था ! जिसे सात पक्ष ने ध्बनि मत से रदद् कर दिया था ! विपक्ष इस पर बहस की मांग कर रहा था ! मगर सरकारी पक्ष ने उनकी बैठत नहीं मणि थी ! विपक्ष बही सदन मैं धरने पर बेथ गया और रत भर सदन मैं ही बैठा रहा ! बदल साहब उन्हें मनाने गए थे परन्तु बह नहीं माने! १३ को कांग्रेस के तरलोचन सिंह सूंड ने सदन में विरसा सिंह वल्टोहा की और जूता फेंका जो विक्रम मजीठिया के पास गिरा था ! उस दिन कांग्रेस विधायकों ने स्पीकर पर भी किताबें फेंकी थी।
2. 16 जनवरी को तरनतारन के खडूर साहब विधान सभा क्षेत्र से अकाली दल ने उप चुनाव जीत लिया था।
खडूर साहिब विधानसभा उपचुनाव में जीत का सेहरा अकाली दल के सिर पर सज गया है। रविंदर सिंह ब्रह्मपुरा 65664 वोट से जीत गए है। ब्रह्मपुरा ने मतगणना शुरू होने से पहले ही दावा किया था कि वह 60 हजार से अधिक मतों से जीतेंगे।अकाली दल तो 80 हजार से भी अधिक मत मिले। एक भी राउंड में आजाद उम्मीद बिट्टू उन्हें पीछे नहीं छोड़ पाए। यही नहीं करीब 2900 लोगो ने नोटा बटन दबा उम्मीदवार रिजेक्ट किया। लीड 14वे राउंड में 59 हजार पार कर गई है। लीड 12 वे राउंड में 51 हजार 700 पार हो चुकी है। अब अकाली दल के ब्रह्मपुरा 41816 वोट से आगे हैं। यह दसवें राउंड का परिणाम है।
अकाली दल ने 22128 वोटो की बढ़तखडूर साहिब चुनाव में अकाली दल ने 13007 वोटो से बढ़त बनाईखडूर साहिब चुनावो में अकाली दल ने 8484 वोटो की बढ़त बनाईकिसको मिले कितने मतकुल वोट: 109593अकाली दल को मिले: 83080बिट्टु को मिले: 17416सुमेल सिद्धू को मिले: 2243नोटा को मिले: 2252जीत का अंतर: 65664
3. 8 मार्च को बादल ने विधानसभा में कहा था कि पानी के विवाद का हल रिपेरियन सिद्धान्त के अनुसार होना चाहिए।
4. 14 मार्च को बादल ने कहा था कि एसवाईएल की भूमि किसानों को मुफ्त लौटाई जाएगी। उसी दिन विधानसभा में दा पंजाब सतलुज-यमुना लिंक कैनाल लैंड (ट्रांफर ऑफ प्रोपर्टी राइट्स) बिल-2016 भी पारित किया गया था। इसके दूसरे दिन ही हरियाणा ने सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर कर दी थी। हरियाणा विधानसभा ने भी पंजाब के इस प्रस्ताव के विरोध में निंदा प्रताव पारित किया था।
5. कांग्रेस विधायकों का विधानसभा से इस्तीफा
चंडीगढ़। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद पंजाब में सतलुज-यमुना लिंक नहर के मसले पर सियासत तेज हो गई है। फैसले को विरोध करते हुए 42 कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा के सचिव को अपना सामूहिक इस्तीफा सौंप दिया। पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष और पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने गुरुवार को ही लोकसभा से इस्तीफा दे दिया था। विपक्ष के नेता चरणजीत सिंह चन्नी, सुनील जाखड़, सुखजिन्दर सिंह और बलवीर सिंह संधु समेत 42 विधायक शुक्रवार को विधानसभा गए और उन्होंने विधानसभा के सचिव शशि लखनपाल मिश्रा को इस्तीफा सौंप दिया। क्योंकि अध्यक्ष चरणजीत सिंह अटवाल मौजूद नहीं थे। इन विधायकों के साथ अमरिन्दर सिंह, प्रताप सिंह बाजवा और अंबिका सोनी समेत कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मौजूद थे। 14 नबम्बर को मंत्रिमंडल ने एसवाईएल की भूमि को डी-नोटिफाइड करने का निर्णय किया था। बादल ने 16 को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर इस पर विधानसभा की मोहर ही नहीं लगबाई बल्कि अब तक सप्लाई किए पानी की कीमत वसूलने के निर्देश भी दिलवा दिए।
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