जयपुर। प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल के खाते में शनिवार सुबह एक और बड़ी उपलब्धि जुड़ गई। एसएमएस अस्पताल में पहला लिवर ट्रांसप्लांट शुरू हुआ। इसके लिए देर रात तक डोनर के लिवर और मरीज की जांचें होती रहीं, वहीं किसी भी अनहोनी की आशंका के मद्देजनर हवाई मार्ग से लिवर को दिल्ली ले जाने के लिए ग्रीन कॉरिडोर भी तैयार किया गया। एसएमएस मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सकों ने इस बार ट्रांसप्लांट को लेकर पहले से ही पूरी तरह तैयार कर ली थी। [# यहां दीपक की लौ के रूप में आकर स्थापित हुईं मां चामुंडा] [# अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे]
जयपुर आई विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम
दिल्ली के एम्स से भी विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम जयपुर पहुंची। अस्पताल में एक ब्रेन डेड डोनर के परिजनों से सहमति मिलने के बाद लिवर ट्रांसप्लांट के लिए नई दिल्ली के इंस्टीट्यूट ऑफ लिवर एंड बिलियरी साइंसेज से डॉक्टरों की टीम को बुलाया गया। जिस मरीज के लिवर ट्रांसप्लांट किया गया, उसे आइसोलेट करके रखा गया है। इसके चलते न सिर्फ ओटी और आईसीयू तैयार किए गए बल्कि डॉक्टरों और स्टाफ को भी विशेष ट्रेनिंग दिलाई गई। लिवर ट्रांसप्लांट के लिए दो बार आईएलबीएस की टीम एसएमएस अस्पताल का दौरा भी कर चुकी है।
डोनर और रेसिपिएंट जयपुर के
एसएमएस अस्पताल में होने वाले इस लिवर ट्रांसप्लांट के डोनर और रेसिपिएंट दोनों जयपुर से ही हैं। हरमाड़ा के रहने वाले 26 वर्षीय युवक की सडक़ हादसे में घायल होने से ब्रेन डेथ होने के बाद परिजनों ने लिवर और किडनी दान करने की शुक्रवार को ही सहमति जताई थी।
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