धर्मशाला। प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन सदन ने शोकोद्गार प्रस्ताव में पूर्वं मंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता ईश्वर दास धीमान के निधन पर शोक प्रकट करते हुए उन्हें श्रद्धाजंलि दी। गौरतलब है कि हमीरपुर जिला के भोरंज विधानसभा क्षेत्र से पूर्वं विधायक ईश्वर दास धीमान का बीते 15 नवम्बर को निधन हो गया था। सत्र के पहले दिन इसी प्रस्ताव पर पक्ष व विपक्ष के सदस्य बोलते रहे तथा इसके अतिरिक्त सदन में आज कोई भी काम नहीं किया जा सका। पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के आग्रह पर सदन में तमिलनाडू की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता के निधन पर भी शोक प्रकट किया गया। [@ अमेरिका के 911 की तर्ज पर बना डायल 100 कैसे काम करेगा...जानिए इसकी टेक्नोलॉजी]
ईश्वर दास धीमान 1990 में पहली बार हिमाचल विधानसभा के लिए विधायक चुने गए थे। वह लगातार छ: बार विधायक रहे तथा दो बार भाजपा की सरकार में शिक्षा मंत्री भी रहे। सदन में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह द्वारा लाए गए शोकोद्गार प्रस्ताव में अपने विचार रखते हुए उन्होंने कहा कि ईश्वर दास धीमान 1990 से लेकर 2012 तक लगातार 6 बार विधायक रहे तथा एक बार नेता विपक्ष भी रहे। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि धीमान ने अपनी पूरी उम्र सामाजिक कार्यों और गरीबों की सेवा में बिता दी। पहले जहां उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में अपना योगदान दिया वहीं बाद में करीब 30 साल प्रदेश की राजनीति को दिए। उन्होंने कहा कि वह एक बहुत शालीन व्यक्ति थे तथा हमेशा सबके साथ बड़े विनम्र स्वभाव के साथ मिलते थे। मुख्यमंत्री ने इस दौरान तमिलनाडू की पूवज़् मुख्यमंत्री जयललिता के निधन पर भी शोक प्रकट करते हुए उनकी आत्मा की शांति की कामना की।
नेता विपक्ष प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि सभी राजनेता उनकी तरह नहीं हो सकते। उन्होंने कहा कि मैं भी उनका विद्यार्थी रहा हूं और उनको सभी गुरू जी करके बुलाते थे। उनकी योग्यता और व्यवहार के कारण उनकी लोकप्रियता इतनी अधिक थी कि वे एक ही विधानसभा क्षेत्र से लगातार छ: बार विधायक बने। उन्होंने कहा कि प्रदेश में रिवायत रही थी कि एक बार शिक्षा मंत्री बनने के बाद कोई भी नेता दोबारा चुनाव नहीं जीतता लेकिन धीमान ने दो बार शिक्षा मंत्री बनने के बाद चुनाव जीतने के मिथक को भी तोडा। उन्होंने भाजपा विधायक दल की ओर से दिवगंत आईडी धीमान की आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना करते हुए उनके परिवारजनों के प्रति अपनी संवेदना प्रकट की।
धूमल ने तमिलनाडू की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता के निधन पर भी शोक प्रकट किया। शोकोद्गार प्रस्ताव में विधानसभा अध्यक्ष सहित कुल 14 सदस्यों ने अपने विचार रखे। शोकोद्गार में हिस्सा लेने वालों में विद्या स्टोक्स, कौल सिंह, सुरेश भारद्वाज, सतपाल सत्ती, रविंद्र रवि, नरेंद्र ठाकुर, कर्ण सिंह, महेश्वर सिंह, डा. राजीव बिंदल, जयराम ठाकुर और विजय अग्निहोत्री शामिल रहे।
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