जयपुर। दीपावली पर शहर में 15 करोड़ रुपए के पटाखे जलाए गए। दिवाली और गोवर्धन के दो दिन ज्यादा पटाखे चलाए गए। इतने कि शहर के आसमान में ऐसा धुआंं छा गया है कि एक बारगी तेज सर्दी में पडऩे वाले कोहरे का आभास हुआ। इस साल दीपावली पर पटाखों के कारण शहर में ज्यादा प्रदूषण हुआ। जयपुर में सालाना औसत प्रदूषण की बात करें तो 2015 में चांदपोल में डस्ट पार्टिकल 179 थे और फिलहाल अक्टूबर तक ही ये 234 हैं, जबकि इसकी सालाना औसत लिमिट सिर्फ 60 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर है। इसी तरह अजमेरी गेट पर 2015 में डस्ट पार्टिकल 145 थे जो वर्तमान में 169 हैं। पटाखों में बारूद, चारकोल, नाइट्रोजन और सल्फर जैसे रसायनों का इस्तेमाल अधिक मात्रा में होता है। राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल की ओर से छह जगहों से वायु के नमूने लिए गए। अजमेरी गेट, बोर्ड ऑफिस झालाना डूंगरी, चांदपोल, मालवीय इंडस्ट्रियल एरिया रीको ऑफिस, रीजनल ऑफिस जयपुर नॉर्थ मुरलीपुरा और वीकेआई एरिया में डस्ट सैम्पलिंग इंस्ट्रूमेंट्स लगाए हुए हैं।
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