बारां । कोयला क्षेत्र के कोटड़ीसूंडा ग्राम में चल रही संगीतमय श्रीमद्
भागवत कथा के पांचवें दिन श्रीकृष्ण जन्मोत्सव बड़े धूमधाम के साथ मनाया
गया।
सुन्दर वासुदेव बालकृष्ण की झाँकी सजायी गई। श्रीकृष्ण जन्मोत्सव पर
बिस्किट, टाॅफी, खिलौने, मखाने खूब लुटाये गये। रविवार को कथावाचक मुकुट
बिहारी शास्त्री ने कहा कि जब-जब पृथ्वी पर हत्याचार, पापाचार बढ़ता है
तब-तब नारायण नर रूप धारण करके पृथ्वी पर अवतरित होते हैं।
उन्होंने कहा कि
निर्मल मन में ही परमात्मा का वास होता है, दिखावे में नहीं। इन लीलाओं का
सार समझने वाला व्यक्ति सदैव प्रसन्न रहता है। जीव को आत्मा की शान्ति के
लिए प्रभु की शरण में जाने की इच्छा रहती है लेकिन में मनुष्य में व्याप्त
तृष्णा, लोभ, ईष्र्या, पाप जैसी प्रवृत्तियाँ उसे प्रभु की शरण में जाने से
दूर करती है।
कथा के दौरान उन्होंने कहा कि श्रीकृष्ण ने जन्म से ही
वृन्दावन के एक-एक घर में गाय कर दी थी क्योंकि गाय हमें आॅक्सीजन प्रदान
करती है लेकिन आज हमारे घरों में गाय के लिए जगह नहीं है। इसलिए वह दिन-रात
सड़कों पर घूमती है जबकि गाय पशु नहीं माँ के तुल्य है। हमें अकाल मृत्यु
से बचाने के लिए घर में गाय होनी चाहिए।
कथा के दौरान श्रीराम जानकी के
विवाह की सुन्दर झाँकी भी सजायी गई। कथा समिति सदस्य चन्द्रमोहन मेहता ने
भागवत कथा की आरती उतारी तथा पुण्य प्राप्त किया।
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