श्रीगंगानगर। शहर के बीचों-बीच से निकलने वाली ए-माइनर के आसपास हुए कब्जों को हटाने के आदेश का विरोध करने वाले लोगों के लिए परेशानी हो सकती है। नहरों की भूमि को मुक्त कराने एवं प्रदूषण मुक्त बनाने की मांग पर हाइकोर्ट एवं नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में याचिका लगाने वाले भारतीय किसान संघ ने कहा है कि इलाके का अस्तित्व नहरों से है। इन्हें कब्जा मुक्त करना बहुत जरूरी है। संघ के एक शिष्टमंडल ने जिला कलक्टर से मिलकर उन्हें वस्तुस्थिति से अवगत कराया। संघ ने कहा है कि माइनर के सेंटर से दोनों ओर 62-62 फीट जगह नहर की है। चीफ इंजीनियर ने 8 अक्टूबर 15 को एनजीटी में पक्ष रखा था कि अवाप्त भूमि नहरों की सुरक्षा एवं इनके रखरखाव के लिए अत्यंत जरूरी है। इन्हें इसके लिए ही अवाप्त किया गया था। इस जगह से कब्जे हटाकर तारबंदी करना जरूरी है। किसान संघ शिष्टमंडल ने कलक्टर से आग्रह किया कि वे कब्जे हटाने के लिए कोर्ट के दिए आदेशों की पालना कर अदालत में रिपोर्ट पेश करें। ज्ञात रहे कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल जोधपुर बैंच ने 8 अक्टूबर 2015 एवं इसके बाद भी समय-समय पर जिले की पांच नहरों-ए माइनर, मंडी माइनर, जीबी माइनर, बीबी माइनर एवं अनूपगढ़ ब्रांच की समस्त जमीनों से कब्जे हटाने एवं इसकी तारबंदी कराने के आदेश दिए थे। श्रीगंगानगर शहर से निकलने वाली ए-माइनर पर अतिक्रमणकारी ने कब्जे हटाने का विरोध करते हुए प्रशासन का घेराव किया था। ऐसे में अब जिला प्रशासन व सिंचाई विभाग फिर से कब्जे हटाने की तैयारी में है। भारतीय किसान संघ के प्रांतीय सचिव सत्यनारायण गोदारा ने बताया कि जो लोग ए-माइनर के किनारे से कब्जे हटाने का विरोध कर रहे हैं, वे खुद कब्जाधारी हंै। जिनके दवाब में आकर प्रशासन ने कब्जे नहीं हटाए तो संघ ट्रिब्यूनल में अवमानना की अपील करेगा।
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