आत्महत्या में नाकाम रहने पर किया आत्मसमर्पण
डिप्रेशन और मानसिक अवसाद
का शिकार दिव्य रूचि की हत्या नहीं करना चाहता था लेकिन वो साइकोसिस नामक
बीमारी से ग्रसित था इस वजह से उसने इस हत्याकांड को अंजाम दिया। पुलिस के
अनुसार दिव्य 2 बार सीए की परीक्षा में फैल हो चूका हे और इस वजह से घर
वालो के ताने सुन सुन कर वो डिप्रेशन में आ गया हे। हत्या वाले दिन दिव्य
ने डिप्रेशन की वजह से चूहे मारने वाली दवाई को खाकर मरने की ठानी। इस
दौरान दिव्य जब लिफ्ट से अपने फ्लेट में आ रहा था तो उसने अपनी फ्लेट की
मंजिल की जगह गलती से रूचि के फ्लेट की मंजिल का बटन दबा दिया। दिव्य
जहरीली दवा के नशे में सातवी मंजिल पर पंहुचा तो उसे लगा की वो अपने फ्लेट
पर पहुच चूका था, चूँकि दिव्य और रूचि का फ्लेट अलग अलग मंजिल पर जरुर हे
लेकिन दोनों की दिशा और दशा लिफ्ट के खुलने के बाद बिल्कुल एक जैसी ही हे
और नशीली दवा के कारण जब वह रूचि के फ्लेट को अपना फ्लेट समझकर उसमे जाने
लगा तो उसे रूचि वहा मिल गयी। रूचि ने उसे सहारा देते हुए अपने फ्लेट में
ले गयी। पुलिस के अनुसार रूचि ने दिव्य को होश में लाने के लिए मुह पर धीरे
धीरे चांटे मारे गये तो उस साइकोसिस नामक बिमारी का दौरा पड़ा। दौरा पड़ते
ही दिव्य को कुछ याद नहीं आया और उसने रूचि के कमरे में पड़े स्कूटर के
टूल से उसके सिर में ताबड़तोड़ कई वार कर दिए जिससे रूचि वही फर्श पर गिर
गई। पुलिस का कहना हे की इस दौरान उसके दिमाग में उस बीमारी का असर जोरदार
रहा होगा। हत्या के बाद भी दिव्य रूचि के फ्लेट को अपना फ्लेट समझ रहा था
इसलिए वह आराम से उसी फ्लेट के बाथरूम में नहाया। कुछ देर बाद जब वो इस
गंभीर बीमारी के शिकंजे से बाहर आया तो उसे लगा की उसके हाथो से ये अनहोनी
हो गयी हे। जिस पर वो जल्दबाजी में रूचि के फ्लेट से निकला और रूचि के
मोबाइल को अपना मोबाइल समझ कर अपार्टमेंट से अपने साथ लेकर निकल गया।
साइकोसिस बीमारी के चंगुल से निकलने के बाद दिव्य को अपने द्वारा किये गए
कृत्य को लेकर पछतावा हुआ। दिव्य ने मर्डर के बाद और पुलिस के समक्ष
उपस्थित होने से पहले कुल 8 बार सुसाइड अटेम्प्ट किये लेकिन उसे कही भी
सफलता हासिल नहीं हुई। थक हार कर रूचि की हत्या के पाप का प्रायश्चित करने
के लिए दिव्य सीधा अम्बामाता थाने की फतहपुरा पुलिस चोकी पंहुचा और
आत्मसमर्पण करते हुए रूचिता की जघन्य हत्या करना कबूल किया। इस पूरे मामले
मे जहां पूलिस रूचिका के पति के.वी. गुप्ता को हत्यारा मानते हुए पूछताछ
करती रही लेकिन दिव्य द्वारा हत्या कबूलने के बाद के.वी. को निर्दोष मानते
हुए इस मामले से दूर कर दिया गया।
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