उमाकांत त्रिपाठी,
नई दिल्ली। केंद्र सरकार 1 फरवरी को आम बजट पेश करने
जा रही है। नोटबंदी के बाद जनता की निगाहें आम बजट पर ही टिकी हैं। इस बार
के बजट से लोगों की उम्मीदों के प्याले लबालब भरे हैं। क्योंकि 5 राज्यों
में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं इसलिए कयास यही लगाए जा रहे हैं कि बजट
लोकलुभावना होगा। लेकिन बजट लोकलुभावना होने के साथ-साथ विकास केंद्रित भी
होना चाहिए और जनता के नोटबंदी वाले घाव पर मरहम भी। नोटबंदी के लगभग तीन
महीने बीत चुके हैं लेकिन अभी तक देश की अर्थव्यवस्था पटरी पर नहीं आई है।
आम-आदमी भी अभी तक नहीं उबर पाया है। ऐसे में सभी लोग सरकार से सकारात्मक
बजट की उम्मीद लगाए बैठी है। बजट को लेकर कई तरह के कयास भी लगाए जा रहे
हैं।
आइये देखते हैं इस बार के बजट सत्र में क्या संभवानाएं हैं....
इस
बार के बजट में इनकम टैक्स में छूट को लेकर लोगों को सरकार से काफी
उम्मीदें हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार के बजट में इनकम टैक्स में
छूट ढाई लाख से बढ़ाकर तीन लाख से चार लाख रुपये तक हो सकती है। ‘ईकोरैप’
के रिपोर्ट की मानें तो अर्थव्यवस्था को उठाने के लिए सरकार डायरेक्ट टैक्स
में फेरबदल कर सकती है। यह इसलिए भी जरूरी है क्योंकि मांग और आपूर्ति का
बैलेंस बिगडऩे ना पाए और इसके लिए आम आदमी के पास रुपये होने चाहिए।
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