उमाकांत त्रिपाठी [@ खास खबर EXCLUSIVE: सांसद सुरेन्द्र नागर ने समाजवादी विवाद पर तोड़ी चुप्पी]
नई दिल्ली। पांच राज्यों के चुनाव की घोषणा हो चुकी
है। आने वाले ढाई महीनों में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और
मणिपुर में चुनाव होंगे और परिणाम भी आ जाएंगे। दो बातें गौरतलब हैं...पहली
तो यह कि इस बार इन पांचों राज्यों के विधानसभा चुनाव का सबसे बड़ा मुद्दा
नोटबंदी होगा। जहां बीजेपी नोटबंदी के मुद्दे को लेकर उसके फायदे गिनाकर
वोट के लिए धार बना रही है ।
वहीं विपक्ष नोटबंदी से हुई परेशानी को
मुद्दा बनाकर बीजेपी पर वार कर रही है। ऐसे में देखने वाली बात यह है कि
इन पांच राज्यों में कमल कहां-कहां खिलता है। क्योंकि यही 5 राज्यों के
चुनाव के परिणाम काफी हद तक लोकसभा चुनाव 2019 पर भी असर डालेंगे। इसलिए
सभी पार्टियों खासकर बीजेपी के लिए इस चुनाव के परिणाम ज्यादा महत्व रखते
हैं।
अगर यूपी चुनाव की बात करें तो यहां टक्कर मुख्य रूप से सपा,
बसपा, बीजेपी और कांग्रेस में है। कांग्रेस का पंजा 27 साल से यूपी की
गद्दी को पकड़ने में नाकाम रहा है और इस बार भी पंजे की पकड़ मजबूत नहीं लग
रही है। कमल को खिलने में हाथी की चाल और साइकिल की रफ्तार से कड़ा
मुकाबला करना पड़ेगा।
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