अमृतसर। बाबा फरीद यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज के वाइस चांसलर डॉ. राज बहादुर ने मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसरों को नसीहत दी कि वे प्राइवेट प्रेक्टिस बंद करें। सरकार से एनपीए (नॉन प्रैक्टिस एनाउंस) लेकर प्राइवेट प्रेक्टिस करना कतई उचित नहीं। डॉक्टरों का काम मरीजों की सेवा करना है। वे पारदर्शी ढंग से काम करें। मरीज से ऐसा व्यवहार करें कि उसकी आधी बीमारी डॉक्टर को देखकर ही ठीक हो जाए। डॉ. राज बहादुर ने स्पष्ट किया कि मेडिकल कॉलेज में शिक्षारत छात्र इन्हीं प्रोफेसरों व डॉक्टरों को देखकर ही आचरण करते हैं। यदि उनका व्यवहार ठीक होगा तो ही वे मरीजों के प्रति अपना व्यवहार नर्म रख पाएंगे। पोस्ट ग्रेजुएशन डॉक्टर तीन साल तक कड़ी मेहनत करें। एमबीबीएस के दौरान जो छूट गया है, वह पोस्ट ग्रेजुएशन में पूरा करें, ताकि देश को अच्छा डॉक्टर मिले। इस अवसर पर मेडिकल एंड डेंटल टीचर्स एसोसिएशन ने सरकारी छुट्टियां बढ़ाने की मांग रखी। इस पर डॉ. राज बहादुर ने कहा कि यह सरकार का निर्णय है। फिर भी वे उनकी मांग अधिकारियों के सम्मुख रखेंगे।
मेडिकल कॉलेजों में ही होंगी परीक्षाएं
एक प्रश्न के उत्तर में डॉ. राज बहादुर ने कहा कि कहा कि मेडिकल शिक्षा के छात्रों को यूनिवर्सिटी के निर्देश पर निर्धारित सेंटरों में परीक्षा देने के लिए जाना पड़ता है। अब इनकी परीक्षा वहीं होंगी, जहां वे शिक्षारत हैं। हालांकि कॉलेज प्रशासन को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके कॉलेज में परीक्षा के दौरान नकल नहीं चलेगी।
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