जैसलमेर। यहां शुक्रवार रात रानीखेत एक्सप्रेस का इंजन व दस डिब्बे पटरी से उतरने से हडकंप मच गया। हमीरा व जैसलमेर स्टेशन के बीच हुए इस हादसे में किसी भी यात्री को खरोंच तक नहीं आई। जिला पुलिस व प्रशासन जाप्ते के साथ मौके पर पहुंचा और करीब 150 यात्रियों को सकुशल एक अन्य ट्रेन द्वारा जैसलमेर पहुंचाया। इतने बड़े हादसे में किसी को भी चोट नहीं आने की खबर से रेल व जिला प्रशासन ने राहत की सांस ली। जैसलमेर में बीती रात एक बहुत बड़ा ट्रेन हादसा होते-होते टल गया। हादसा शुक्रवार रात 11 बजकर 15 मिनट पर हुआ, जब काठगोदाम से जैसलमेर आ रही रानीखेत एक्सप्रेस का इंजन व 10 डिब्बे पटरी से उतर गए।
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हादसा इतना खतरनाक था कि कई जगह से पटरियों के परखचे उड़ गए। जैसलमेर रेलवे स्टेशन से महज 8 किलोमीटर दूर जब हादसा हुआ तब ट्रेन में सवार अधिकतर यात्री नींद में थे। रेल के लोको पायलट दौलत राम ने बताया कि जब वो हमीरा से निकले तब रास्ते में उसे एक झटका सा लगा जैसे कहीं पटरी में कोई फ्रेक्चर हो। उन्होंने तुरंत ट्रेन को रोकने का प्रयास किया और चार किलोमीटर बाद ट्रेन रुकी। तब तक ट्रेन का इंजन व इसके दस डिब्बे पटरी से उतर चुके थे। घटना की खबर सुनकर जिला कलक्टर मातादीन शर्मा व एसपी गौरव यादव अपने जाप्ते के साथ घटना स्थल पर पहुंचे। घटना स्थल तक जाना भी अपने आप में बहुत कठिन हो गया क्योंकि पूरा रास्ता रेत से अटा होने की वजह से कई वाहन उसमें फंस गए। बड़ी मुश्किल से अधिकारी मौके पर पहुंचे तथा यात्रियों को सकुशल पाकर राहत की सांस ली। जिला कलक्टर व एसपी ने तुरंत उच्चाधिकारियों को सूचित कर यात्रियों को जैसलमेर भेजने की व्यवस्था की।
हादसे के वक्त अचानक लगे झटके से ट्रेन में सबकी नींद उड़ गई व एकबारगी तो हडकंप मचा गया। ट्रेन रुकने के बाद सभी यात्रियों ने खुद को सकुशल पाकर राहत की सांस ली तथा ईश्वर का शुक्रिया अदा किया। यात्रियों ने घटनाक्रम बताते हुए कहा कि पहले लगा कि कोई जानवर ट्रेन के नीचे आया होगा मगर, जब गाडी रुकी और नीचे उतर कर देखा तब मामला समझ में आया। बाद में जिला कलक्टर ने यात्रियों के लिए गाडिय़ों की व्यवस्था की मगर, रास्ता सही नहीं होने के कारण रेलवे के अधिकारियों से संपर्क कर यात्रियों के लिए विशेष ट्रेन की व्यवस्था की गई। इस ट्रेन से यात्रियों को जैसलमेर भिजवाया गया। घटना की जानकारी मिलते ही सेना के अधिकारी व समाजसेवी भी मौके पर पहुंचे।
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