गुरदासपुर। आरक्षण को लेकर पिछले साठ सालों के दौरान हर सरकार में जनरल
वर्ग को संविधान के अनुसार सामानता का अधिकार नहीं दिया गया, जिस कारण
जनरल वर्ग अपने आप को ठगा महसूस कर रहा है, पढ़े लिखे बच्चे बेरोजगार फिर
रहे हैं। जाति आधारित आरक्षण बंद कर इन्कम पर आधिरित आरक्षण देना चाहिए,
ताकि हर नागरिक को संविधान के अनूसार हक मिले। यह कहना है जनरल वर्ग के
लोगो का जिन्होने जनरल वर्ग की तरफ से प्रेस कान्फरेंस कर अपनी मांगों के
हक़ में आवाज़ बुलंद की ।
ब्राह्मण सभा के प्रधान राजेश शर्मा ने इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा
कि जनरल कैटागिरी का बच्चा 90 प्रतिशत अंक लेकर भी बेरोजगार घूम रहा है,
उसे नौकरी के लिए जगह जगह धक्के खाने पड़ रहे हैं लेकिन छोटी कैटागिरी के
बच्चे को 30 प्रतिशत अंक लेकर भी नौकरी मिल रही है, उसे सरकार द्वारा भेजी
जा रही सभी सुविधाएं मिल रही हैं। मगर जनरल कैटागिरी के बच्चे का यही कसूर
है कि वह जनरल कैटागिरी के घर में पैदा हुआ है। अगर सरकार द्वारा सभी
सुविधाएं छोटी कैटागिरी के बच्चों, लड़कियों और बुढों को मिल रही है, तो
जनरल कैटागिरी को क्यों नहीं मिल सकती। जनरल कैटागिरी भी तो देश के समाज का
एक हिस्सा ही है, इस लिए देश में समानता लाने की जरूरत है।
आज भी देश में
समानता की केवल बातें ही कही जाती हैं, लेकिन देखने में जनरल समाज को भिन्न
रखा जा रहा है। अब जनरल समाज जाग चुका है और अपने हक के लिए वह अपने वोट
का सही इस्तेमाल करेगा। इस मोके पर जनरल समाज से अभिजीत दुगल ने कहा कि
भारत में हो रहा आरक्षन जाति के अधार पर नहीं होना चाहिए, बल्कि यह आरक्षण
गरीब वर्ग के अधार पर होना चाहिए, ताकि भारत में गरीबी के नीचे स्तर पर रह
रहे लोगों को भी पूरी सुविधा दी जाए। आरक्षण हर जाति के लिए बराबर का होना
चाहिए।
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