खुर्जा। बुलंदशहर के खुर्जा में नए पुराने नोट लोगों के लिए आफत बन गए है। पुराने नोट क्या बैन हुए अस्पताल ने नौटंकी शुरू कर दी है। एक अस्पताल ने एक हजार का नोट नहीं लिया जिससे डिलीवरी होने में देरी हो गई और नवजात की मौत हो गई। एक बेबस पिता की नवजात बेटी ने इस दुनिया में आंख खोलने से पहले ही दम तोड़ दिया। पिता का कहना है कि इलाज में देरी की वजह से नवजात की मौत हो गई। ये अस्पताल केंद्रीय मंत्री डॉक्टर महेश शर्मा का है। मंगलवार आधी रात से मोदी सरकार ने अपने एक ऐतिहासिक फैसले के बाद आम लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। खुर्जा के रहने वाले अभिषेक का कहना है कि वो अपनी पत्नी एकता की डिलीवरी के लिए निजी अस्पताल कैलाश गया था। अस्पताल वालों ने उससे 10,000 रुपए जमा कराने के लिए कहा था। जब वो पैसे लेकर काउंटर पर पहुंचा तो अस्पताल वालों ने 1000 के नोट देखकर पैसे लेने से मना कर दिया। इस पर अभिषेक अस्पताल वालों से मिन्नतें करने लगा कि वो बाद में बदल कर ला देगा फिलहाल इसे जमा कर लिया जाए। अभिषेक के मुताबिक अस्पताल ने एक नहीं सुनी और पत्नी की डिलीवरी में देरी की वजह से उसकी बच्ची की मौत हो गई। उधर अस्पताल ने इस आरोप को सिरे से ख़ारिज कर दिया है। अस्पताल का कहना है कि बच्ची पहले से ही मृत थी। अस्पताल ने इससे भी इनकार किया है कि अभिषेक से 1000 के नोट लेने से इनकार किया गया था। लेकिन अस्पताल की पोल एक और मरीज के तीमारदार ने खोल कर रख दी, साफ कहा कि अस्पताल में पांच सौ के नोट नहीं लिए जा रहे। आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने अस्पताल में 500 और 1000 के नोट अभी भी मान्य रखे हैं।
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