पटना। बिहार में शराबबंदी को कारगर ढंग से लागू करने के लिए भले ही सरकार कड़े कानून बना रही हो, लेकिन शराब के आदी अब नशे के लिए दूसरे विकल्प ढूंढऩे लगे हैं। शराबबंदी के बाद अब नशेड़ी गांजा, भांग चरस व अफीम का सेवन करने लगे हैं। ऐसे में सरकार के लिए नशे की नई लत से निपटना चुनौती बन गई है।
राज्य मद्य निषेद्य एवं उत्पाद विभाग के एक अधिकारी बताते हैं कि हर रोज गांजा और भांग की बिक्री की सूचना विभाग को मिल रही है। सूचना मिलने के बाद कार्रवाई भी की जा रही है। सूत्रों के अनुसार, पटना में कई ऐसे स्थान व दुकान हैं, जहां गांजा बेचा जा रहा है। यहां से ग्राहकों को आपूर्ति भी हो रही है।
उत्पाद आयुक्त आदित्य कुमार दास ने बताया कि शराबबंदी के बाद विकल्प के तौर पर लोगों द्वारा गांजा, भांग, अफीम, चरस सहित अन्य नशीले पदार्थों का सेवन करना संभव है। ऐसे लोगों तक इन मादक पदार्थों को पहुंचाने के प्रयास भी किए जा रहे हैं, हालांकि इन्हें रोकने के लिए भी विभाग भी मुस्तैद है।
उन्होंने बताया कि बिहार की सीमा में प्रवेश करने से पहले गाडिय़ों की सघन तलाशी ली जा रही है। गाडिय़ों की तलाशी के लिए ट्रक स्कैनर लगाए जाने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है। आंकड़ों से स्पष्ट है कि हाल के दिनों में ऐसे मादक पदार्थों को जब्त करने की संख्या में वृद्धि हुई है।
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