जोधपुर। कहने को तो अब पश्चिमी राजस्थान के गांवों में पानी की किल्लत नहीं के बराबर है लेकिन, जोधपुर से महज 25 किलोमीटर की दूरी पर बसे गांवों में आज भी पानी की बूंदों की कीमत आंकी जाती है। बड़ी जाजीवाल के पास बने सुमेर तालाब में बरसात के बाद जब तालाब में पानी खाली हो जाता है तब, यहां तालाब में बनी बेरियों में टपकने वाली बूंदों से भरा पानी भी बिकता है। आजादी के बाद सरकार ने यहां पानी की टंकी भी बनवाई लेकिन, इसके बावजूद यहां जरूरत के हिसाब से पानी की आपूर्ति नहीं होती है। लोग इस तालाब में बनी बेरियों के पानी को टैंकर में भरकर गांवों में बेचकर आते हैं। जाजीवाल खिंचिया निवासी श्यामलाल जाजड़ा बताते हैं कि कई बार तो मौत के बाद स्नान के लिए भी पानी खरीदना पड़ता है। जाजड़ा कहते हैं कि अकेला सुमेर तालाब ही नहीं बल्कि, आसपास के गांवों में भी तालाबों की बेरियों से निकलने वाला पानी यहां के लोगों के प्यासे हलकों को गीला करता है। टैंकर से पानी ले जाने वाले सुरेश की मानें तो उन्हें एक टैंकर भरने में डेढ़ घंटे तक इंतजार करना पड़ता है। लोगों को पानी की जरूरत होती है तो वो उन्हें पानी बेचता है।
नहर से भर दें तालाब
यह भी पढ़े :बैंकों में क्या है हाल, देखिए तस्वीरें
यह भी पढ़े :500 के नोट पर युवक की पिटाई,वीडियो वायरल
संघ प्रमुख मोहन भागवत का बयान - भारत और पाक का विभाजन कृत्रिम
वकील ने कहा-हथकड़ी में अदालत नहीं जाएंगे ट्रंप...कैसे चलेगा मुकदमा यहां पढ़िए
प्रधानमंत्री का शनिवार को भोपाल प्रवास,भोपाल-नई दिल्ली के बीच चलने वाली वंदे-भारत एक्सप्रेस ट्रेन को दिखाएंगे हरी झंडी
Daily Horoscope